हरदोई में नाइट ब्लड सर्वे शुरू,सर्वे के पहले दिन 1352 लोगों के लिए गए रक्त के नमूने

हरदोई (आरएनआई) जनपद में फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 19 ब्लाक और एक शहरी इकाई में दो से सात जून तक नाईट ब्लड सर्वे(एन.बी.एस) चल रहा है। यह सर्वे रात 10 बजे से 12 बजे तक आयोजित किया जा रहा है और सर्वे के पहले दिन ही 1352 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए। प्रत्येक ब्लॉक और अर्बन आरआई यूनिट में दो स्थल चुने गए हैं। एक रैंडम आधार पर और दूसरा ऐसा क्षेत्र जहाँ पहले फाइलेरिया के सर्वाधिक मामले सामने आए हों या फिर संक्रमण के लिए अनुकूल पर्यावरण वाले गाँव या मोहल्ले को प्राथमिकता दी गई है। कार्यकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि सर्वे केवल 20 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरुषों एवं महिलाओं के बीच किया जा रहा है। पहले दिन नाइट ब्लड सर्वे जनपद के 19 ब्लाक और एक शहरी इकाई में किया गया और कुल 1352 लोगों के नमूने लिए गए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण के दौरान राज्य स्तरीय एवं मंडलीय टीमें भी निरीक्षण करेंगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। अतः सर्वे से जुड़े सभी स्वास्थ्यकर्मियों से अपेक्षा की गई है कि वे पूरी गंभीरता व जिम्मेदारी के साथ कार्य करें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2027 तक प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके तहत जनपद में स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रियता एवं सजगता के साथ काम कर रही हैं। जिला मलेरिया अधिकारी जीतेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया की पहचान शुरुआत में ठंड के साथ बुखार आ सकता है। हाथ, पैर, पुरुषों के अंडकोष या महिलाओं के स्तनों में असामान्य सूजन। सूजन आमतौर पर एक ही अंग में होती है, दोनों में समान नहीं। मूत्र मार्ग से सफेद रंग का द्रव आना (ग्रामीण क्षेत्रों में धातु रोग) जिसे चिकित्सा भाषा में काइलूरिया कहते हैं। लंबे समय तक रहने वाली सूखी खांसी भी फाइलेरिया का लक्षण हो सकती है (ट्रॉपिकल इस्नोफीलिया)। बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहनें घर की छत और आसपास पानी जमा न होने दें। कूलरऔर पक्षियों के पानी के पात्र नियमित रूप से साफ करें। कूड़ेदान को हमेशा ढककर रखें। फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन ज़रूरी सरकार द्वारा चलाए जा रहे सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत साल में एक बार फ़ाइलेरियारोधी दवा का सेवन अवश्य करें। फ़ाइलेरिया रोधी दवा गर्भवती, गंभीर रोगियों और एक वर्ष से कम आयु के बच्चों को छोड़कर सभी को खिलाई जाती है। दवा खाने से न सिर्फ व्यक्ति सुरक्षित रहता है, बल्कि वह दूसरों में भी संक्रमण नहीं फैलाता। इस बीमारी के लक्षण संक्रमण के 10 से 15 साल बाद दिखते हैं इस दौरान संक्रमित व्यक्ति अनजाने में दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है।
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