होटल निर्माण पर उठा विवाद: बार अध्यक्ष और नगरपालिका आमने-सामने, कथित अवैध निर्माण पर भेजे नोटिस का मिला कानूनी जवाब, प्रतिष्ठा पर आंच की जताई आपत्ति

Jun 1, 2025 - 22:21
Jun 1, 2025 - 22:21
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होटल निर्माण पर उठा विवाद: बार अध्यक्ष और नगरपालिका आमने-सामने, कथित अवैध निर्माण पर भेजे नोटिस का मिला कानूनी जवाब, प्रतिष्ठा पर आंच की जताई आपत्ति

गुना (आरएनआई) शहर के वार्ड 34 स्थित एक निर्माणाधीन होटल को लेकर नगर पालिका परिषद और जिला बार काउंसिल अध्यक्ष भूपनारायण सोलंकी के बीच जबरदस्त तनातनी की स्थिति बन गई है। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब नगरपालिका ने स्काई पैलेस नामक होटल निर्माण को अवैध बताते हुए सीधा नोटिस जारी कर दिया। इस नोटिस में न केवल निर्माण को बिना अनुमति के बताया गया, बल्कि चेतावनी भी दी गई कि यदि तीन दिन के भीतर दस्तावेज नहीं सौंपे गए तो नगर पालिका बिना किसी और सूचना के कार्रवाई करेगी।

होटल के संबंध में यह बताया गया कि उसका निर्माण पुरानी कलारी के पीछे, कैंट थाना क्षेत्र में किया जा रहा है, और निर्माणकर्ता के रूप में संदीप सोलंकी का नाम सामने आया, जो बार काउंसिल अध्यक्ष के भतीजे हैं। नगरपालिका का दावा है कि इस निर्माण को लेकर किसी भी प्रकार की स्वीकृति नहीं ली गई है।

सामान्य नोटिस पर असामान्य प्रतिक्रिया
नगर पालिका द्वारा 23 मई को जारी किए गए इस नोटिस के जवाब में बार काउंसिल अध्यक्ष ने जो कदम उठाया, उसने पूरे प्रकरण को नया मोड़ दे दिया। उन्होंने न केवल नोटिस में उल्लिखित बिंदुओं को खारिज किया, बल्कि नोटिस लेकर पहुंचे नगरपालिका कर्मचारी को ही कानूनी शिकंजे में लेते हुए मानहानि का नोटिस थमा दिया। सोलंकी का कहना है कि उनका उक्त होटल निर्माण से कोई संबंध नहीं है और उन्हें अनावश्यक रूप से मामले में घसीटा गया है। उन्होंने नोटिस को राजनीति से प्रेरित और व्यक्तिगत दुर्भावना से प्रेरित बताया। सोलंकी ने यह भी आरोप लगाया कि नोटिस पर नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) के हस्ताक्षर संदेहास्पद हैं, जिनके बारे में संबंधित अधिकारी ने भी स्पष्ट किया कि उन्होंने ऐसा कोई दस्तावेज जारी नहीं किया।

‘प्रेस में छवि धूमिल करने की कोशिश’
बार अध्यक्ष ने इस पूरे घटनाक्रम को एक सोची-समझी साजिश बताया, जिसका उद्देश्य उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना है। उनका कहना है कि बिना किसी जांच-पड़ताल के सीधे नोटिस भेजा गया और उन्हें मीडिया में सार्वजनिक रूप से बदनाम करने की कोशिश की गई, जो कि उनकी प्रतिष्ठा के खिलाफ है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि सार्वजनिक माफी नहीं मांगी गई, तो वे कानूनी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे।

सत्ता बनाम प्रणाली: मामला गरमाया
यह विवाद अब सिर्फ होटल निर्माण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे 'सत्ता बनाम सिस्टम' की लड़ाई के रूप में देखा जाने लगा है। एक ओर बार काउंसिल के प्रभावशाली अध्यक्ष हैं, तो दूसरी ओर नगर पालिका प्रशासन, जो शहरी नियमों के पालन पर जोर दे रहा है। दोनों पक्ष अपने-अपने तर्कों पर अड़े हैं।

प्रशासन की अगली चाल पर निगाहें
इस प्रकरण को लेकर नगर में चर्चाओं का बाजार गर्म है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि नगर पालिका अपनी चेतावनी के अनुसार आगे कोई कार्रवाई करती है या नहीं। क्या होटल निर्माण को लेकर सख्त कदम उठाए जाएंगे, या फिर कानूनी उलझनों में मामला लंबा खिंच जाएगा—यह आने वाला वक्त ही बताएगा। बहरहाल, यह स्पष्ट है कि गुना में यह मामला केवल एक होटल की अनुमति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सवाल बन चुका है कि प्रशासनिक कार्रवाई को क्या निजी स्वार्थों से प्रभावित किया जा सकता है, या फिर कानून अपना रास्ता खुद बनाएगा।


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