रिश्वत लेने के आरोपी निकांत जैन की मुश्किलें बरकरार, वसूली की एक और एफआईआर दर्ज
जेल में बंद रिश्वतखोरी के आरोपी निकांत जैन की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। इसके खिलाफ वसूली की एक और एफआईआर दर्ज की गई है। इस पर एक आईएएस अधिकारी के लिए रिश्वत लेने का आरोप है।

लखनऊ (आरएनआई) उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने वाली कंपनी की ईकाई लगाने पर आईएएस अधिकारी के लिए रिश्वत लेने के आरोपी निकांत जैन की मुश्किलें अभी बरकरार हैं। निकांत को भ्रष्टाचार निवारण के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र सिंह ने शुक्रवार को रिहा करने का आदेश दिया था।
इसके लिए उसको दो-दो लाख की जमानत और दो लाख का व्यक्तिगत मुचलका दाखिल करना है। वह जेल से रिहा हो पाता इससे पहले शनिवार को वजीरगंज थाने में निकांत पर एक और एफआईआर दर्ज कराई गई है। इससे आरोपी की जेल से रिहाई की राह मुश्किल हो गई है।
वजीरगंज थाने में हसनगंज बावली निवासी हसन रजा अब्बासी ने निकांत और उसके साथी एमए खान पर दर्ज केस में आरोप लगाया है कि दोनों ने उनसे वसूली की है। इससे पहले भी हसन रजा अब्बासी ने वजीरगंज थाने में ही वर्ष 2019 में निकांत पर 50 लाख की ठगी की एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें उसके दो साथी एमए खान और ध्रुव कुमार दास भी आरोपी थे।
इसमें हसन रजा ने कहा था कि वह सरोसा भरोसा में अपनी 82 लाख की जमीन बेचना चाहता था। वर्ष 2018 में एमए खान और ध्रुव कुमार उसके घर आए और कहा कि निकांत उनकी जमीन खरीदना चाहते हैं। हसन बेटी की शादी के कारण अपनी जमीन 65 लाख में बेचने को तैयार हो गए थे। लेकिन, हसन को सिर्फ 15 लाख रुपये ही मिले थे।
सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने की इकाई लगाने के लिए एक आईएएस के नाम पर निकांत ने कंपनी संचालक विश्वजीत दत्ता से एक करोड़ रुपये रिश्वत ली थी। इस मामले में विश्वजीत की तहरीर पर गोमतीनगर थाने में निकांत के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था।
20 मार्च को निकांत को गिरफ्तार हुआ था। तब से आरोपी जेल में है। आरोपी के पकड़े जाने के बाद विवेचक ने समय से उसकी पुलिस कस्टडी रिमांड की अर्जी नहीं दाखिल की थी। देर से अर्जी दाखिल करने पर कोर्ट ने उसको खारिज कर दिया था। यही नहीं, एसआईटी की ओर से करीब 1600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल करने के बाद निकांत की जमानत अर्जी मंजूर हो गई थी।
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