डर-चिंता छोड़ लौटने लगे हैं प्रवासी, जंग के जख्म भरे नहीं...पर खेतों में फिर से गूंजने लगी हल की आवाज
पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में अब जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, प्रवासी लौटने लगे हैं और खेतों में धान की रोपाई शुरू हो गई है। लेकिन टैंकों की तैनाती और मॉकड्रिल के बीच लोगों के मन में अब भी डर बना हुआ है।

जम्मू (आरएनआई) डर, दहशत, और चिंता के बीच जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तानी हमले से प्रभावित सीमावर्ती इलाकों और शहरी क्षेत्रों में दिनचर्या सामान्य हो चुकी है। सुरक्षित ठिकाने की तलाश में घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां गए स्थानीय लोग पहले ही लौट आए थे, अब प्रवासी मजदूरों का लौटना भी शुरू हो चुका है। मजदूरों के लौटने का सिलसिला शुरू होने से खेतों में धान की रोपाई के काम ने भी रफ्तार पकड़ ली है। पर, रोजमर्रा की व्यस्तताओं के बीच भी लोग दुश्मन के मंसूबों को लेकर सतर्क हैं। सीमा पर तैनात टैंक और तोपें बताती हैं कि आशंका के बादल अभी पूरी तरह से छटे नहीं हैं।
शहर में यूं तो सबकुछ सामान्य हो चुका है। लोग अपने काम में व्यस्त हो चुके हैं। पर, पाकिस्तानी गोलाबारी से हुए नुकसान का भय अब भी लोगों के मन से दूर नहीं हुआ है। रिहाड़ी में ड्रोन हमले से प्रभावित अनिल चड्ढा एक अलग ही समस्या से जूझ रहे हैं।
वह बताते हैं, हम सबने तो खुद को संभाल लिया, पर मेरा साढ़े सात साल का बेटा सायरन की आवाज और अंधेरे से डरने लगा है। माॅकड्रिल के दौरान उसकी हालत देखकर हम सब भी डर गए थे। हम लोग उसे डॉक्टर को दिखाने की सोच रहे हैं। रंजीत कुमार की भी ऐसी ही चिंता है।
वह बताते हैं, शनिवार को ब्लैकआउट होते मेरी बेटियों ने दाैड़-दाैड़कर घर को पर्दे से ढका। यह सब सामान्य डर नहीं था। हमने उनके चेहरे पर खाैफ की लकीरें देखीं। गांधी नगर निवासी प्रतिभा कहती हैं, हम लोगों ने चंडीगढ़ स्थित अपने घर के किरायेदारों से मकान खाली करवा लिया है। जरूरत पर हम लोग वहां शिफ्ट हो जाएंगे।
अरनिया: रात में आसमान में कुछ भी चमकता दिखे तो लगता है ड्रोन हमला हो गया‘सुबह-शाम तो उसी तरह से हो रही है, जैसा कि पाकिस्तानी गोलाबारी से पहले होती थी। बच्चे स्कूल जा रहे हैं, पुरुषों का पहले की तरह काम पर निकलना शुरू हो चुका है’-हालात को लेकर सवाल करते ही राजवंत सिंह एक सांस में सारा माहाैल बता दिए। गहरी सांस लेकर वह कहते हैं, हमने ड्रोन से हमला पहली बार देखा। अब तो रात में आसमान में यदि कोई चमकती चीज दिख जाती है, तो लगता है कि ड्रोन है।
पाकिस्तान भरोसे लायक नहीं है। ऐसे में डर तो लगा ही रहता है। रिटायर्ड लेक्चरर सोहनलाल थापा सुरक्षा पर जोर देते हैं। कहते हैं, बंकरों का निर्माण कार्य शुरू होना चाहिए। वह बताते हैं, नगर पालिका अधिकार क्षेत्र में आने वाले कस्बों में बनने वाले 542 बंकरों की सूची तैयार हो चुकी है। वहीं, सोहनलाल बताते हैं कि लोगों में इस कदर डर है कि वे ड्रोन दिखने की सूचना पुलिस को देते रहते हैं। पुलिस को आना पड़ता है, पर कुछ मिलता नहीं।
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