जून में 108% अधिक बारिश का अनुमान; उत्तर-पश्चिम व पूर्वोत्तर भारत में कम वर्षा के आसार
मौसम विभाग ने इस साल मानसून के दौरान अच्छी बारिश का अनुमान लगाया है। जून में लू का कहर नहीं दिखेगा। वर्षा भी सामान्य से अधिक होगी। मौसम विभाग के दीर्घावधि पूर्वानुमान में यह भी कहा गया है कि उत्तर-पश्चिम व पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।

नई दिल्ली (आरएनआई) मानसून की तेज रफ्तार के बीच देश के ज्यादातर हिस्सों में जून में सामान्य से अधिक बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने इस मानसून सीजन के लिए दूसरे चरण का दीर्घावधि पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि जून में लंबी अवधि की औसत बारिश 166.9 मिमी होती है। इस बार इसके 108 फीसदी यानी औसत से अधिक होने की उम्मीद है। इससे अनुमान है कि अधिकतम पारा ज्यादा नहीं रहेगा, लू नहीं चलेगी।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सचिव एम रविचंद्रन ने मंगलवार को बताया कि अगले माह ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की उम्मीद है। हालांकि, प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी हिस्सों, उत्तर-पश्चिम व पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि जून से सितंबर तक 87 सेमी के दीर्घावधि औसत की 106 फीसदी बारिश होने की संभावना है। कृषि के लिहाज से मानसून के मुख्य क्षेत्र यानी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा के आसपास सामान्य से अधिक (दीर्घावधि औसत का 106 प्रतिशत) बारिश होने की संभावना है।
महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले के खाड़की में सेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान चलाया। तेज बारिश के कारण इस क्षेत्र में कमर तक पानी भर गया है। कई लोग पानी में फंसे हुए हैं। सेना के बख्तरबंद कोर केंद्र व स्कूल से करीब 20 किमी दूर स्थित यह गांव बढ़ते जलस्तर के कारण गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है।
लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के आसपास के क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों और बिहार, झारखंड, प. बंगाल व ओडिशा के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद है। पंजाब, हरियाणा, केरल व तमिलनाडु के कुछ इलाकों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। मौसम विभाग का कहना है, जून में उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य और पूर्वी भारत में लू वाले दिनों की संख्या सामान्य से कम रह सकती है।
देश के कई हिस्सों में समय से पहले पहुंचा मानसून इस बार जून मध्य से आखिर तक जम्मू-कश्मीर पहुंच सकता है। मानसून अमूमन जून के अंत या जुलाई के पहले सप्ताह में यहां दस्तक देता है। इस अवधि में ही श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होती है। 2024 में भी जून के आखिर में प्री मानसून की बारिश के बाद जुलाई के शुरू में मानसून ने पूरी तरह से दस्तक दी थी।
इस साल भारत के विभिन्न हिस्सों में मौसम का मिजाज अलग-अलग दिख रहा है। एक तरफ जहां उत्तर भारत प्रचंड गर्मी और लू की चपेट में है, वहीं दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों में प्री-मानसून गतिविधियों के कारण झमाझम बारिश हो रही है। महाराष्ट्र के कई इलाकों में मानसून की दस्तक के साथ ही जलभराव की समस्या विकराल रूप में सामने आने लगी है। आलम ये है कि पंपिंग सेट संचालकों के पसीने छूटने लगे हैं।
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