भगदड़ मामले में भाजपा का हल्लाबोल; कहा- सिद्धारमैया और शिवकुमार रियल कल्प्रिट ऑफ बेंगलुरु
भाजपा नेता जल्द ही राज्यपाल थावरचंद गहलोत से मिलने की योजना बना रहे हैं। भाजपा उनसे सरकार को बर्खास्त करने की मांग करेगी। भगदड़ 4 जून की शाम को चिन्नास्वामी स्टेडियम के सामने हुई थी, जहां बड़ी संख्या में लोग रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु टीम की आईपीएल जीत के जश्न में भाग लेने के लिए उमड़े थे। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई और 56 लोग घायल हो गए थे।

बेंगलुरु (आरएनआई) कर्नाटक भाजपा विधायकों और सांसदों ने रविवार को बंगलूरू में विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के मामले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की। विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने आयोजित विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व विधानसभा और परिषद में विपक्ष के नेता आर. अशोक और चालावाड़ी नारायणसामी ने किया। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की और उन्हें इस अनहोनी के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। हाथ में तख्तियां लेकर और नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।
प्रदर्शन के दौरान बोलते हुए अशोक ने मृतकों के लिए न्याय की मांग की। उन्होंने सिद्धारमैया और शिवकुमार को असली अपराधी कहा। उन्होंने कहा, 'व्यवसायी विजय माल्या ने पहले आरसीबी टीम को बढ़ावा दिया और लॉन्च किया, जो रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु है, लेकिन सीएम और डिप्टी सीएम नई आरसीबी हैं- रियल कल्प्रिट ऑफ बंगलूरू (बंगलूरू के असली अपराधी)।'
घटना के सिलसिले में तत्कालीन बंगलूरू पुलिस आयुक्त बी दयानंद सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए अशोक ने कहा कि भाजपा पुलिस के साथ खड़ी है। उनके लिए लड़ेगी, क्योंकि पुलिस की ओर से कोई गलती नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की ओर से अनुमति न दिए जाने के बावजूद जीत का जश्न मनाया गया। 11 लोगों की मौत सरकार की ओर से प्रायोजित हत्या के अलावा और कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा, 'आपके पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है, आप इसे खो चुके हैं। आप कानून की नजर में आरोपी हैं।' विपक्ष के नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री आरसीबी के ब्रांड एंबेसडर की तरह व्यवहार कर रहे हैं, मौतों के बावजूद जीत का जश्न मनाया गया। पहली मौत दोपहर 3:15 बजे (4 जून को) हुई, जीत का जश्न कार्यक्रम शाम 4:30-5 बजे शुरू हुआ, तब तक सात से आठ मौतें हो चुकी थीं। फिर डिप्टी सीएम दूसरे जश्न के कार्यक्रम में शामिल होने स्टेडियम गए, जहां शाम 6:30-7 बजे के आसपास एक करोड़ रुपये के पटाखे फोड़े गए। 11 मौतों के बाद पटाखे फोड़े गए, क्या आपमें इंसानियत बची है?
अशोक ने अधिकारियों, कर्मचारियों, किसानों की आत्महत्याओं, मातृ मृत्यु का हवाला देते हुए कहा कि पांच लोकलुभावन गारंटी योजनाओं के बाद मौतें इस सरकार की छठी गारंटी हैं। उन्होंने कहा, 'हमने सरकार को बर्खास्त करने की मांग करते हुए जल्द ही राज्यपाल से मिलने की योजना बनाई है।'
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