डॉक्टरों के विरोध के बाद झुके गोवा के स्वास्थ्य मंत्री, मांगी माफी; कांग्रेस ने की इस्तीफे की मांग
विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स ने जीएमसीएच में वीआईपी संस्कृति को खत्म करने की मांग की। डॉक्टरों ने यह भी मांग की कि कैजुअल्टी वार्ड जैसे संवेदनशील स्थानों में न्यूज कैमरों और मीडिया को जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

पणजी (आरएनआई) गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे द्वारा एक डॉक्टर को बर्खास्त करने का मामले पर हंगामा हो गया है। गोवा के डॉक्टर्स, स्वास्थ्य मंत्री के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। मामला बढ़ता देख स्वास्थ्य मंत्री ने भी अपने व्यवहार के लिए माफी मांग ली है। हालांकि कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और गोवा एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स जैसे संगठन भी स्वास्थ्य मंत्री के विरोध में उतर आए हैं। डॉक्टरों के संगठनों ने हड़ताल की धमकी दी है।
स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने शनिवार को गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्हें डॉ. रुद्रेश कुट्टीकर द्वारा मरीजों से गलत व्यवहार करने की शिकायत मिली। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर को फटकार लगा दी। साथ ही डॉक्टर को निलंबित करने का आदेश दे दिया। स्वास्थ्य मंत्री के इस व्यवहार की आलोचना होने लगी। कांग्रेस ने भी मंत्री के व्यवहार पर सवाल खड़े किए। मामला बढ़ता देख डैमेज कंट्रोल के लिए सीएम प्रमोद सावंत ने डॉक्टर के निलंबन को रद्द कर दिया। रविवार को स्वास्थ्य मंत्री ने माफी मांगने से इनकार कर दिया था।
इससे आईएमए और गोवा एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स ने स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। आईएमए गोवा समेत कई मेडिकल यूनियनों ने स्वास्थ्य मंत्री के व्यवहार की निंदा की। रविवार को जीएआरडी ने मंत्री को उनके आचरण के लिए माफ़ी मांगने के लिए 48 घंटे की समयसीमा तय की। डॉक्टरों ने कामकाज ठप कर दिया, जिससे मरीजों को खासी परेशानी हुई। विरोध बढ़ने पर राणे ने सोमवार को माफी मांग ली।
स्वास्थ्य मंत्री ने मांगी माफीएक सोशल मीडिया पोस्ट में राणे ने लिखा, 'गोवा मेडिकल कॉलेज के दौरे पर मैंने जो कठोर शब्द कहे थे, उसके लिए मैं डॉ. कुट्टीकर से दिल से माफ़ी मांगता हूं। उस पल, मेरी भावनाएं मेरी अभिव्यक्ति पर हावी हो गईं और जिस तरह से मैंने हालात को हैंडल किया, उसके लिए मुझे गहरा खेद है।' उन्होंने कहा कि उनका कभी भी किसी मेडिकल पेशेवर की गरिमा को कम करने या उसका अनादर करने का इरादा नहीं था।' मंत्री ने कहा कि 'भले ही उन्होंने अपने संचार में गलती की हो, लेकिन उनका इरादा गलत नहीं था। किसी भी मरीज को समय पर देखभाल से वंचित न किया जाए और सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली उत्तरदायी और दयालु बनी रहे।'
विरोध प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर्स ने जीएमसीएच में वीआईपी संस्कृति को खत्म करने की मांग की। डॉक्टरों ने यह भी मांग की कि कैजुअल्टी वार्ड जैसे संवेदनशील स्थानों में न्यूज कैमरों और मीडिया को जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। कांग्रेस ने भी प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का समर्थन किया है और राणे को हटाने की मांग की है। गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पार्टी राज्य के डॉक्टरों के साथ पूरी तरह एकजुट है। उन्होंने कहा, 'जब लोगों की जान बचाने वाले लोग स्टेथोस्कोप टांगकर सड़कों पर उतरने को मजबूर होते हैं, तो यह सिर्फ हड़ताल नहीं है - यह सम्मान, न्याय और सुरक्षा की पुकार है।'
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