झगड़े के मामले में बंद युवक को मिली जमानत... छोड़ दिया दुष्कर्म का आरोपी, पांच जेलकर्मी निलंबित
अदालत ने जेल में बंद झगड़े व अन्य मामलों के आरोपी को जमानत दी थी मगर जेलकर्मियों ने दुष्कर्म के आरोपी को छोड़ दिया।

फरीदाबाद (आरएनआई) अदालत के जमानत आदेश पर गलत आरोपी को छोड़ने के मामले में नीमका जेल के 5 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें असिस्टेंट मोहनलाल, सब असिस्टेंट प्रदीप त्यागी, हवलदार राजेंद्र और दो वार्डन संजीव व राजेश शामिल हैं।
जेल अधीक्षक हरेंद्र सिंह की ओर से मामले की गंभीरता को देखते हुए अपने स्तर पर जांच की गई। इसके बाद उन्होंने इन सभी की लापरवाही बताते हुए आला अधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर इन पर कार्रवाई की अनुशंसा की। अनुशंसा रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए इन सभी को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया है। जेल अधीक्षक हरेंद्र सिंह ने निलंबन कार्रवाई की पुष्टि की है।
पूरे मामले में जेल उप अधीक्षक विक्रम सिंह की ओर से बल्लभगढ़ सदर थाना में शिकायत देकर एफआईआर दर्ज कराई गई है। शिकायत में कहा गया कि सेक्टर-58 थाना में साल 2021 के पॉक्सो एक्ट के केस में आरोपी नितेश पांडे जेल में बंद था।
इसके अलावा ओल्ड थाना के साल 2025 के झगड़े व अन्य धारा के केस में अन्य आरोपी नितेश भी जेल में बंद था। दोनों के पिता का नाम रविंद्र है। 26 मई 2025 को नितेश की जमानत के आदेश अदालत से जेल में प्राप्त हुए। लेकिन नितश पांडे ने खुद को नितेश बताकर ये जमानत आदेश अपना बताया और जेल से रिहा होकर चला गया।
आरोपी नितिश पांडे बिहार पटना का मूल निवासी है और यहां राजीव कॉलोनी रामबाबू का मकान में किराये पर रहता है। आरोप है कि उसने जानबूझकर ये जानते हुए कि जमानत आदेश उसके नहीं है, खुद की रिहाई करा ली। मामले में सदर बल्लभगढ़ थाना में एफआईआर दर्ज कर पुलिस टीम जांच कर रही है।
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