कल अंतरिक्ष में जाएंगे शुभांशु, बनेंगे दूसरे भारतीय; विज्ञान-पोषण से जुड़े कई प्रयोग करेंगे
तरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा पर रवाना होने से पूर्व शुभांशु ने कहा, मिशन का हिस्सा बनना बेहद सौभाग्यशाली है। शुक्ला, जिन्हें ‘शक्स’ उपनाम से जाना जाता है, अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय होंगे। 41 साल पहले उनके आदर्श राकेश शर्मा ने 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सोयुज अंतरिक्ष यान पर सवार होकर आठ दिनों तक कक्षा में रहने के लिए अंतरिक्ष उड़ान भरी थी।

नई दिल्ली (आरएनआई) भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। 41 साल बाद भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला मंगलवार (10 जून) को सुबह एक्सिओम स्पेस के एक्सिओम -4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा पर रवाना होंगे। यह मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और निजी कंपनी स्पेसएक्स की साझेदारी में संचालित किया जा रहा है।
यात्रा पर रवाना होने से पूर्व शुभांशु ने कहा, मिशन का हिस्सा बनना बेहद सौभाग्यशाली है। शुक्ला, जिन्हें ‘शक्स’ उपनाम से जाना जाता है, अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय होंगे। 41 साल पहले उनके आदर्श राकेश शर्मा ने 1984 में तत्कालीन सोवियत संघ के सोयुज अंतरिक्ष यान पर सवार होकर आठ दिनों तक कक्षा में रहने के लिए अंतरिक्ष उड़ान भरी थी। नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से अंतरिक्ष यान को भारतीय समयानुसार सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर स्पेसएक्स के फॉल्कन 9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा। इसके 28 घंटे की यात्रा के बाद 11 जून को रात 10 बजे (भारतीय समयानुसार) यान अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ेगा।
शुभांशु अंतरिक्ष में अपने 14 दिनों के प्रवास के दौरान कई खास विज्ञान और पोषण से जुड़े प्रयोग करेंगे। ये प्रयोग इसरो और भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की तरफ से तैयार किए गए हैं। इनका उद्देश्य अंतरिक्ष में मेथी और मूंग की अंकुरण प्रक्रिया देखना, बीजों को माइक्रोग्रैविटी (अंतरिक्ष की स्थिति) में रखकर धरती पर वापस लाकर उन पर आगे की खेती करना, भविष्य की लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्राओं के लिए पोषण और जीवन-समर्थन प्रणाली विकसित करना है। इसके अलावा, शुक्ला नासा के साथ मिलकर 5 संयुक्त अध्ययन भी करेंगे।
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