'मैं भी पीड़ित हूं', सीजेआई गवई की ओर से प्रोटोकॉल पर उठाए गए सवालों पर बोले उपराष्ट्रपति धनखड़
एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं नौकरशाही में लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए वर्तमान मुख्य न्यायाधीश का वास्तव में आभारी हूं। प्रोटोकॉल का पालन करना मौलिक है।

नई दिल्ली (आरएनआई) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सीजेआई जस्टिस बीआर गवई के मुंबई में प्रोटोकॉल का मुद्दा उठाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत जरूरी मुद्दा है। हमें प्रोटोकॉल में विश्वास रखना चाहिए, इसका पालन करना मौलिक है। उन्होंने कहा कि मैं इस मुद्दे को उठाने के लिए सीजेआई का आभार व्यक्त करता हूं। मैं भी इसका पीड़ित हूं। आपने राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री की तस्वीर देखीं होगी, लेकिन उपराष्ट्रपति की नहीं।
दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि आज सुबह उन्हें देश में एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात की याद आई और यह हमारे लिए नहीं है। हमें प्रोटोकॉल में विश्वास करना चाहिए। देश के मुख्य न्यायाधीश और प्रोटोकॉल को बहुत ऊंचा स्थान दिया जाता है। जब उन्होंने यह संकेत दिया, तो यह व्यक्तिगत नहीं था, यह उनके पद के लिए था। मुझे यकीन है कि यह बात सभी को ध्यान में रखनी चाहिए।
धनखड़ की प्रोटोकॉल पर टिप्पणी भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई की ओर से रविवार को अपनी नाराजगी व्यक्त करने के बाद आई है। दरअसल, शीर्ष न्यायिक पद पर पदोन्नत होने के बाद जस्टिस गवई पहली बार महाराष्ट्र पहुंचे थे। 14 मई को शपथ लेने वाले सीजेआई गवई महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह के लिए मुंबई में थे। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक या मुंबई पुलिस आयुक्त कोई भी उनके लिए मौजूद नहीं था। सीजेआई की टिप्पणी के कुछ घंटों बाद तीनों शीर्ष अधिकारी उस समय मौजूद रहे, जब सीजेआई गवई प्रतिष्ठित समाज सुधारक और भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार को श्रद्धांजलि देने के लिए दादर में बीआर अंबेडकर के अंतिम संस्कार स्थल चैत्यभूमि गए थे।
\उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की बात दोहराई। उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल का पालन करना मौलिक है। उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बगल में उपराष्ट्रपति की तस्वीर न होने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि वह भी एक तरह से प्रोटोकॉल के पीड़ित हैं। आपने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की तस्वीर देखी होगी, लेकिन उपराष्ट्रपति की नहीं। एक बार जब मैं पद छोड़ूगा तो मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मेरे उत्तराधिकारी के पास एक तस्वीर हो।
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