केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री की अहम बैठक; डीएनए नमूने एकत्र करने का काम जारी

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु आज सुबह 10:30 बजे मंत्रालय कार्यालय में हवाई सुरक्षा पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बीच अहमदाबाद से घटनास्थल का एक वीडियो भी सामने आया, जहां 12 जून को 242 यात्रियों (चालक दल के सदस्यों सहित) को ले जा रहा AI-171 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की इस हादसे में मृत्यु हो गई।

Jun 14, 2025 - 11:44
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केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री की अहम बैठक; डीएनए नमूने एकत्र करने का काम जारी

महादेव पवार और आशा एम पवार उन 241 यात्रियों में शामिल थे, जिन्होंने अपनी जान गंवाई। उनके बेटे रमेश महादेव पवार ने कहा कि मेरे माता-पिता उस विमान में यात्रा कर रहे थे। हमने उन्हें एयरपोर्ट पर छोड़ा। हमने उनसे वीडियो कॉल के जरिए संपर्क भी किया। बाद में जब हम घर आए, तो हमें यह खबर मिली। हम फिर एयरपोर्ट गए, जहां हमें पता चला कि सभी को सिविल अस्पताल ले जाया गया है। फिर हम सिविल अस्पताल गए।

एनएसजी, एनडीआरएफ, वायुसेना, एफएसएल, अग्निशमन बचाव बल, एएआईबी, डीजीसीए और सीआईएसएफ की टीमें अहमदाबाद में डॉक्टरों के छात्रावास की छत पर दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया के लंदन जाने वाले विमान के मलबे का निरीक्षण कर रही हैं।

नई दिल्ली/अहमदाबाद (आरएनआई) एयर इंडिया की अहमदाबाद-लंदन उड़ान के सह-पायलट क्लाइव कुंदर की एक प्रोफेसर ने अपने प्रतिभाशाली और अनुशासित छात्र को याद करते हुए कहा, 'मेरे लिए इस खबर को सच मानना बहुत मुश्किल है।' प्रोफेसर उर्वशी ने मुंबई के विल्सन कॉलेज में कक्षा 11 और 12 में कुंदर को भौतिकी पढ़ाई थी। उन्होंने कहा, 'क्लाइव बहुत ही प्रतिभाशाली छात्र था, बहुत अनुशासित, बहुत समयनिष्ठ, बुद्धिमान... उसका काम बहुत साफ-सुथरा, बहुत व्यवस्थित था, जो उसे अनुशासित स्वभाव के कारण सफल पायलट बनाता है।'

अहमदाबाद में एयर इंडिया के विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, वहीं महाराष्ट्र के परभणी के एक निवासी ने 32 साल पहले हुए एक अन्य विमान हादसे को याद किया, जिसमें 55 लोगों की जान चली गई थी। परभणी के पूर्व मेयर वसंत चव्हाण ने शुक्रवार को एक समाचार चैनल से कहा कि वह इस हादसे में इसलिए बच गए, क्योंकि वह कॉकपिट के पास बैठे थे, न कि पीछे वाले हिस्से में, जहां ईंधन टैंक था। वे 26 अप्रैल, 1993 को औरंगाबाद जिले (अब छत्रपति संभाजीनगर) के चिकलथाना हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले दुर्भाग्यपूर्ण इंडियन एयरलाइंस के विमान में सवार थे। हालांकि, औरंगाबाद-मुंबई उड़ान 491 का लैंडिंग गियर रनवे के अंत में सड़क पर एक ट्रक से टकरा गया, जब वह उड़ान भर रहा था और फिर एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त होकर गिरने से पहले हाई-टेंशन बिजली की तारों से टकरा गया, जिससे तीन टुकड़े हो गए और उसमें आग लग गई। विमान में सवार 112 यात्रियों में से 55 की मौत हो गई।

प्रत्यक्षदर्शी मोहन बहादुर क्षत्रिय ने कहा कि मेरा घर दुर्घटनास्थल से 500 मीटर दूर है। मैंने एक जोरदार धमाका सुना। पहले तो मुझे लगा कि यह कोई बहुत बड़ा तूफान है या भूकंप... लोग चिल्ला रहे थे कि विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। जब मैंने जाकर देखा तो हर जगह धुआं था। चारों तरफ आग लगी हुई थी। हम मेस के पास गए जहां छात्र मदद के लिए चिल्ला रहे थे। सेना के जवानों के साथ मिलकर हमने मलबे से पांच छात्रों को जिंदा निकाला। लेकिन उनकी हालत बहुत गंभीर थी। फिर हमें लगा कि नीचे मलबे में कोई फंसा हो सकता है। हमें एक शव बहुत बुरी हालत में मिला।


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