असम-सिक्किम में बाढ़ का कहर: 7 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित, ब्रह्मपुत्र समेत नौ नदियां खतरे के निशान से ऊपर
पूर्वोत्तर राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ का कहर जारी है। असम में ब्रह्मपुत्र सहित 9 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 21 जिलों के 1494 गांवों में करीब 7 लाख लोग प्रभावित हैं। सिक्किम में 199 लोगों का रेस्क्यू हुआ। अब तक 19 मौतें और लाखों जानवर प्रभावित हुए हैं।

नई दिल्ली (आरएनआई) पूर्वोत्तर राज्यों में लगातार बारिश से हालात चिंताजनक बने हुए हैं। असम में ब्रह्मपुत्र समेत नौ प्रमुख नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। कछार जिले में बराक नदी लाल निशान के पार हो चुकी है और सहायक नदियों में भी जलस्तर बेतहाशा बढ़ा हुआ है। असम में बाढ़ के कारण करीब सात लाख लोग प्रभावित हुए हैं। मणिपुर में स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है। लेकिन राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
उत्तरी सिक्किम में बृहस्पतिवार सुबह मौसम थोड़ा साफ होने पर राहत एवं बचाव अभियान तेज किया गया और वहां फंसे 199 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, जिसमें दो अमेरिकी भी शामिल हैं। भारतीय वायुसेना ने चार एमआई-17 और दो चीता हेलीकॉप्टरों को राहत कार्यों में लगाया है। इनके जरिये चाटन के दूरस्थ और गंभीर रूप से प्रभावित इलाकों में फंसे पर्यटकों, स्थानीय लोगों और सैन्य कर्मियों को निकाला गया। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में 6000 किलोग्राम राहत सामग्री भी पहुंचाई गई।
असम में बुधवार को दो और लोगों की मौत के साथ बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। कछार जिले में एक व्यक्ति लापता है। अधिकारियों के मुताबिक, बाढ़ के कारण 21 जिलों में सात लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ ने कुल 1,494 गांवों को प्रभावित किया है, जिनमें सबसे ज्यादा श्रीभूमि में 339 गांव, नागांव में 189, कछार में 166 और हैलाकांडी में 156 गांव शामिल हैं। करीब 14977.99 हेक्टेयर फसल क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है और 5,15,737 जानवर प्रभावित हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि असम में 405 राहत शिविर खोले गए हैं, जहां 41,317 लोगों ने शरण ली है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के प्रवक्ता ने बताया कि रेल पटरियों पर पानी भरने के कारण दक्षिणी असम के विभिन्न हिस्सों में ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुई हैं, खासकर सिलचर में। कुछ छोटी दूरी की यात्री ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। लेकिन लंबी दूरी की ट्रेनें बेहद सावधानी के साथ चलाई जा रही हैं।
मणिपुर में लगातार बारिश में थोड़ी कम आने के बाद नदियों का जलस्तर घटने लगा है। लेकिन इंफाल, कोंगबा और नम्बुल नदियों के उफान पर होने से कई तटबंध टूट गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राज्य भर में 1.65 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं और 35,242 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। अब तक 4,097 लोगों को बचाकर राहत शिविरों में शरण दी गई है। असम राइफल्स और सेना राज्यभर में ऑपरेशन जलराहत-दो के तहत राहत एवं बचाव कार्य चला रही है। बारिश से 115.59 हेक्टेयर में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
नए पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण पिछले 24 घंटों के दौरान राजस्थान में कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, पिलानी में सर्वाधिक 36.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं बाड़मेर राज्य में सबसे गर्म स्थान रहा, जहां पारा 40.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अरुणाचल प्रदेश में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और लगातार बारिश से यहां 24 जिलों में 33 हजार लोग प्रभावित हैं। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल मानसूनी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 12 लोगों की मौत हुई है, जबकि दो लापता हैं। राज्य में विभिन्न जिलों के 214 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। कुल मिलाकर, राज्य भर में 481 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और 432 पशुओं के मारे जाने की सूचना है।
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