31 शवों के डीएनए का मिलान हुआ, विजय रूपाणी के शव की पहचान की प्रक्रिया अब भी जारी
नई दिल्ली/अहमदाबाद (आरएनआई) एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर लगातार नए-नए अपडेट आ रहे हैं। हादसे में मृतकों का आंकड़ा 270 तक पहुंच गया है। इस बीच अहमदाबाद में सिविल अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रजनीश पटेल ने बताया कि 31 शवों के डीएनए का मिलान हो गया है। 12 शवों को उनके संबंधित परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है।

नई दिल्ली/अहमदाबाद (आरएनआई) एअर इंडिया विमान हादसे को लेकर लगातार नए-नए अपडेट आ रहे हैं। हादसे में मृतकों का आंकड़ा 270 तक पहुंच गया है। इस बीच अहमदाबाद में सिविल अस्पताल के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रजनीश पटेल ने बताया कि 31 शवों के डीएनए का मिलान हो गया है। 12 शवों को उनके संबंधित परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया है।
कल्पना प्रजापति के बेटे हीर प्रजापति ने कहा कि जितना हम अपने परिवार के लिए चिंतित हैं, सरकार भी उतनी ही मदद करने को तैयार है। मैं इतना दुखी हूं कि इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता।
लॉरेंस डैनियल क्रिश्चियन विमान में मारे गए 241 यात्रियों में से एक थे। पिछले डेढ़ साल से वह काम के सिलसिले में अपनी पत्नी के साथ लंदन में रह रहे थे और हाल ही में अपने पिता के निधन के कारण छुट्टी पर अहमदाबाद लौटे थे। एनआई से बात करते हुए उनकी मां रवीना डैनियल क्रिश्चियन ने कहा, '...वह काम के सिलसिले में पिछले डेढ़ साल से अपनी पत्नी के साथ लंदन में रह रहे थे। 15 दिन पहले मेरे पति की मृत्यु के बाद वह छुट्टी पर यहां आए थे... वह लंदन लौट रहे थे और हम भी गए...'
जयाबेन गज्जर विमान हादसे में मरने वाले यात्रियों में से एक थीं। डीएनए मैच के बाद जयाबेन के अवशेष लेने अहमदाबाद सिविल अस्पताल पहुंची उनकी रिश्तेदार नेहा गज्जर ने कहा कि हमारा परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। हमने कभी नहीं सोचा था कि वह इस तरह चली जाएंगी और कभी वापस नहीं आएंगी। सरकार की तरफ से बहुत मदद मिली। जैसे ही डीएनए मैच हुआ, हमें उनसे फोन आया कि वे मेरी मौसी का शव सौंप देंगे।
इससे पहले नागरिक विमानन महानिदेशालय (DGCA) की ओर से एयर इंडिया के बोइंग 787-8 और 787-9 बेड़े पर बढ़ी हुई सुरक्षा जांच को अनिवार्य करने के निर्देश के बाद एयरलाइन ने शनिवार को कहा कि उसके 33 ड्रीमलाइनर विमानों में से नौ का निरीक्षण पूरा हो चुका है। शेष 24 विमानों का निरीक्षण नागरिक उड्डयन नियामक द्वारा दी गई समय-सीमा के भीतर किया जाएगा। यह कदम लंदन जाने वाली AI171 फ्लाइट की दुखद दुर्घटना के बाद उठाया गया।
भारतीय विमान प्राधिकरण के पूर्व महाप्रबंधक और जाने-माने विमानन सलाहकार गुरमुख सिंह बावा ने हाल ही में हुई हवाई दुर्घटना में बचे इकलौते व्यक्ति को त्रासदी के भीतर चमत्कार बताया। एकमात्र जीवित व्यक्ति की पहचान भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश के रूप में हुई थी। वे घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है।
बावा ने कहा कि इस तरह की विनाशकारी घटना में एक व्यक्ति का भी जीवित बचना चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए और अधिकारियों की तत्काल प्रतिक्रिया की प्रशंसा की जानी चाहिए। बावा ने एएनआई से कहा, 'यह त्रासदी त्रासदी के भीतर चमत्कार है। हादसा दिल दहला देने वाला है। इतने सारे लोगों की जान चली गई, लेकिन एक व्यक्ति का भी जीवित बचना चमत्कार से कम नहीं है।
FAIMA के उपाध्यक्ष और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन बीजे मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष धवल गमेती ने यह भी कहा कि विमान में सवार यात्रियों के अलावा कम से कम 21 शव दुर्घटना स्थल से बरामद किए गए हैं और जिनका डीएनए परीक्षण अभी चल रहा है। यात्रियों के अलावा दुर्घटना स्थल से 21 शव बरामद किए गए हैं। डीएनए परीक्षण चल रहा है। अभी 270 शव घटनास्थल से बरामद किए गए हैं।
अहमदाबाद से लंदन जा रहा एअर इंडिया ड्रीमलाइनर विमान 12 जून की दोपहर को उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में 242 यात्री और चालक दल सवार थे। इसमें एक जीवित बचे व्यक्ति को छोड़कर किसी और को बचाया नहीं जा सका। दुर्घटना में मारे गए लोगों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे। एयर इंडिया ने पुष्टि की थी कि विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई है।
अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ दिनों बाद अधिकारियों ने कहा कि बीजे मेडिकल कॉलेज के चार मेडिकल छात्र और उनके रिश्तेदार अब तक मृत घोषित किए जा चुके हैं। इससे 12 जून की दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 270 हो गई है। FAIMA के उपाध्यक्ष और जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन बीजे मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष धवल गमेती ने कहा कि अब तक चार मेडिकल छात्र और उनके रिश्तेदार मर चुके हैं। उन्होंने आगे कहा कि भर्ती 20 छात्रों में से 11 को छुट्टी दे दी गई है और आठ से नौ लोगों का अब भी इलाज चल रहा है।
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