तेहरान मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर इस्राइली हमले में दो कश्मीरी छात्र घायल, सुरक्षित वापसी की गुहार
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने ईरान की स्थिति देखते हुए कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और उनकी वापसी के बारे में विदेश मंत्री जयशंकर से बात की है।

श्रीनगर (आरएनआई) तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के हुजत दोस्त अली हॉस्टल पर शनिवार को इस्राइली ड्रोन हमले में दो कश्मीरी छात्र घायल हुए हैं। घटना के बाद हॉस्टल खाली कराकर सभी छात्रों को पास के गांव रामसर में स्थानांतरित किया गया है।
जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट एसोसिएशन (जेकेएसए) के अध्यक्ष नासिर ने पुष्टि की कि घायल छात्र हमीम खान और जईम काजी (दोनों कश्मीर घाटी से) हैं, जिन्हें प्राथमिक चिकित्सा के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया। छात्रों ने बताया कि हमले के समय वे हॉस्टल में मौजूद थे और अचानक हुए धमाके से इमारत का मलबा उन पर गिरा।
इस घटना में कश्मीर घाटी के दो भारतीय छात्र हमीम खान और ज़ईम काज़ी घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी गई। छात्रों ने बताया कि यहां की स्थिति बहुत चिंताजनक बनी हुई है। सभी छात्र बेहद डरे हुए हैं। सभी छात्रों को पास के ही गांव रामसर में भेजा जा रहा है।
उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने ईरान की स्थिति देखते हुए कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा और उनकी वापसी के बारे में विदेश मंत्री जयशंकर से बात की है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि मिनिस्ट्री और एक्सटर्नल अफेयर्स ईरान में अपने समकक्षों के साथ निकट संपर्क में है और सभी भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जेकेपीसीसी) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने रविवार को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से जम्मू-कश्मीर के छात्रों की निकासी सुनिश्चित कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं ईरान में पढ़ रहे लोगों, खासकर छात्रों के माता-पिता और रिश्तेदारों की चिंताओं से अवगत हूं और उम्मीद करता हूं कि विदेश मंत्रालय उन्हें जल्द से जल्द वापस लाने के लिए तत्काल कदम उठाएगा।
सांसद रूहुल्लाह मेहदी ने तेहरान के छात्रावास पर इस्राइल इजरायली हमले के बाद कश्मीरी छात्रों को निकालने की मांग की। उन्होंने छात्रों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की और कहा कि उन्होंने भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षा के लिए तत्काल उपाय करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि ईरान में फंसे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए सरकार जमीनी स्तर पर अभियान चलाएगी। छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए ही आगामी कदम उठाए जाने हैं, इसकी सरकार तैयारी कर रही है। उन्होंने दोहराया कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है और सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को कहा कि वे इन छात्रों को लेकर एक अभिभावक की तरह चिंतित हैं। उन्होंने छात्रों के परिजनों से संयम रखने और सरकार के आगामी कदम का इंतजार करने की अपील की। उन्होंने यह भरोसा दूसरी बार जताया है। इससे पहले भी वे ईरान में छात्रों की फंसी स्थिति पर चिंता जता चुके हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार से उनका संपर्क बना हुआ है और वे तेहरान, शिराज और कोम सहित अन्य प्रभावित शहरों में छात्रों की स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के करीब 1300 छात्र ईरान में मेडिकल समेत विभिन्न पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने सभी छात्रों को सुरक्षित निकालने का भरोसा दिलाया। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी कि वे केंद्र सरकार और ईरानी प्रशासन से संपर्क कर छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें, जिसके बाद यह बयान सामने आया है।
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