यूपी: पाकिस्तान के रहीम गिरोह से जुड़े तीन साइबर अपराधी गिरफ्तार, रायबरेली से हुआ था दो करोड़ का लेनदेन
यूपी के रायबरेली जिले में पाकिस्तान के रहीम गिरोह से जुड़े तीन अपराधी पकड़े गए। इसके पहले अप्रैल में भी कई अपराधी पकड़े गए थे।

रायबरेली (आरएनआई) पाकिस्तान समेत कई देशों में संचालित साइबर ठग गिरोह के सरगना रहीम से जुड़े तीन और साइबर अपराधी बुधवार को गिरफ्तार किए गए। पुलिस का दावा है कि ये सभी सीज खाता खुलवाने और रायबरेली में एजेंट संजय पांडेय से मिलकर पैसों का हिसाब करने आए थे। इसी दौरान सभी पकड़ लिए गए। गिरफ्तार तमिलनाडु निवासी जावेद चेन्नई में वनाबिल बिजनेस सॉल्यूशन के नाम से कंपनी चलाता था। कंपनी के नाम से खुलवाए गए खातों में साइबर ठग के पैसों का लेनदेन किया जाता था।
रायबरेली जिले की पुलिस ने अप्रैल माह 2025 में साइबर अपराधी संजय पांडेय, सोनू पांडेय, दुर्गेश और दीपक सिंह व सत्यम मिश्रा को गिरफ्तार करके जेल भेजे थे। इन अपराधियों के तार पाकिस्तान के रहने वाले रहीम से जुड़े थे। विदेश में बैठकर रहीम ने पकड़े गए अपराधियों के माध्यम से भारत में बैंकों खाता खुलवाता था। इन्हीं खातों में साइबर अपराध के पैसों का लेनदेन करता था। जांच में यह बात सामने आई थी कि रहीम और उसके सदस्यों का नेटवर्क भारत के अलावा दुबई, नेपाल, पाकिस्तान तक फैला है। साथ ही जांच में राज्यों में फर्जी दस्तावेज से बैंक खाते खुलवाए गए थे, जिनमें 162 करोड़़ का लेनदेन हुआ था। मामला उजागर होने पर चार राज्यों के खाते पुलिस ने सीज करा दिए थे।
अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा के मुताबिक तमिलनाडु प्रांत के सेलवा विनगर कोडुगैयुर चेन्नई निवासी जावेद जलाल, एनएसके नगर अरुमवक्कम चेन्नई निवासी मथीअजागन और बिहार प्रांत के सिवान जिले के माधोपुर निवासी दिलशाद आलम को गिरफ्तार किया गया है। जावेद वनाबिल बिजनेस सॉल्यूशन कंपनी का निदेशक है। साथ ही दिलशाद भी कंपनी में काम करता है। जांच में पाया गया है कि जावेद की कंपनी के एचडीएफसी बैंक खाते में कुल दो करोड़ 34 लाख 700 रुपये रायबरेली से कैश डिपॉजिट मशीन (सीडीएम) के माध्यम से भेजे गए थे। खाते का कुल लेनदेन 142 करोड़ रुपये पाया गया। एएसपी के मुताबिक बैंक खाते सीज होने पर तीनों अपराधियों का रायबरेली आकर पुलिस की मदद से खाता खुलवाने और जेल जा चुके एजेंट संजय पांडेय से रुपयों का हिसाब करने का इरादा था। मुखबिर की सूचना पर डीह इलाके से तीनों को पकड़ लिया गया। पुलिस का दावा है कि अपराधियों को एजेंट संजय पांडेय के जेल जाने की जानकारी नहीं थी।
वनाबिल बिजनेस सॉल्यूशन कंपनी चेन्नई के अन्य खातों के बारे में जानकारी जुटाई गई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस अफसरों के मुताबिक कंपनी के नाम से एक्सिस बैंक के दो खातों में कुल 907 करोड़ रुपये के लेनदेन की बात सामने आई। एक खाते में 639 करोड़ और 268 करोड़ का लेनदेन हुआ है। इसमें से ज्यादातर पैसा साइबर ठगी का होना बताया जा रहा है।
पुलिस के मुताबिक आरोपी जावेद जलाल ने पूछताछ में बताया कि वह मथीअजागन के साथ 2018 में निक्सटीजेन सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड ब्रांच केके नगर मदुरई तमिलनाडु नामक कंपनी में काम करते थे। महताब आलम निवासी माधोपुर सिवान राज्य बिहार से हम लोगों की दोस्ती हुई थी। महताब कंपनी में काफी पैसा हम दोनों के माध्यम से ट्रांसफर कराता था, जहां हम अपनी कंपनी का कमीशन काटकर महताब आलम द्वारा बताए गए अन्य खातों में भेज देते थे। चूंकि महीनेभर में ही कई करोड़ का लेनदेन हो जाता था, जिसमें लाखों का कमीशन हमारी कंपनी को मिल जाता था। कमीशन के पैसों के लालच में मैंने व मेरे साथी मथीअजागन ने महताब आलम के आर्थिक सहयोग से चेन्नई में वनाबिल बिजनेस सॉल्यूशन कंपनी बनाई थी। इसके बाद हम लोग साइबर ठग अपराध गैंग सेे जुड़ गए।
आरोपी जावेद ने बताया है कि रायबरेली से एजेंट संजय पांडेय ने कई बार कैश डिपॉजिट मशीन से कंपनी के खाते में पैसा भेजा था। जब हमारे खाते लगातार सीज होने लगे तो महताब चेन्नई में ही नगद पैसे उपलब्ध कराया करता था। मैं अपने खाते में भेजकर महताब के बताए खातों में भेज दिया करता था। एएसपी का कहना है कि महताब की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। खासकर रहीम के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है, जो इस गैंग का सरगना बताया जा रहा है।
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