बीआरएस में अंतर्कलह: 'केसीआर भगवान जैसे, जो शैतानों से घिरे हुए'; पिता को लिखा पत्र लीक होने पर बेटी के. कविता
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में अंदरूनी कलह तब सामने आई, जब पार्टी एमएलसी के. कविता ने अपने पिता और पार्टी अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव को एक पत्र लिखा और वह लीक हो गया। केसीआर को लिखे पत्र के लीक होने पर कविता ने आपत्ति जताई। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में कुछ साजिशें हो रही हैं। केसीआर भगवान की तरह हैं, जो कुछ शैतानों से घिरे हुए हैं।

हैदराबाद (आरएनआई) अमेरिका से लौटने के बाद शुक्रवार शाम हैदराबाद के आरजीआई हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने आश्चर्य जताया कि एक बेटी का अपने पिता को लिखा पत्र कैसे लीक हो सकता है। पार्टी के अंदर एक आंतरिक पत्र का सार्वजनिक होना चौंकाता है। यह कैसे हो गया? उन्होंने कहा, 'दो सप्ताह पहले मैंने केसीआर को एक पत्र लिखा था। मैंने पहले भी पत्रों के माध्यम से उन्हें अपनी राय व्यक्त की थी। मैंने हाल ही में कहा था कि साजिशें हो रही हैं। केसीआर को आंतरिक रूप से लिखा गया मेरा पत्र सार्वजनिक हो गया। पार्टी में हम सभी और तेलंगाना के लोगों को इस बारे में सोचना होगा कि क्या हो रहा है।'
उन्होंने आगे कहा कि तेलंगाना के आधे हिस्से का दौरा करने के बाद अपने पत्र में उन्होंने केवल वही व्यक्त किया है जो लोग सोच रहे हैं और उनका कोई व्यक्तिगत एजेंडा नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सोचने की जरूरत है कि उनके पत्र के सार्वजनिक होने के पीछे कौन है। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने जिस साजिश की बात की है, उसे कौन कर रहा है? उन्होंने कहा, 'केसीआर भगवान हैं, लेकिन उनके आसपास कुछ शैतान हैं। उनके कारण बहुत नुकसान हो रहा है। मैं केसीआर की बेटी हूं। अगर मेरे ओर से लिखा गया पत्र आंतरिक रूप से सार्वजनिक हो गया, तो पार्टी में अन्य लोगों के भाग्य पर बहस होनी चाहिए।'
उनके पत्र के लीक होने के बाद बीआरएस के आंतरिक मामलों पर कांग्रेस और भाजपा नेताओं की टिप्पणियों का जिक्र करते हुए कविता ने जोर देकर कहा कि राव उनके नेता हैं। उन्होंने कहा कि केसीआर के नेतृत्व में बीआरएस आगे बढ़ेगी। पार्टी के भीतर छोटी-मोटी खामियों को ठीक करने की जरूरत है। अन्य दलों की मदद करने वाले नेताओं को हटाए जाने की जरूरत है। ऐसा होने पर पार्टी लंबे समय तक फलती-फूलती रहेगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों पर तेलंगाना को पीछे ले जाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि केसीआर का नेतृत्व ही तेलंगाना का विकल्प है।
कविता की ओर से अपने पिता केसीआर को लिखे गए पत्र में वारंगल में पार्टी की हालिया सार्वजनिक बैठक के नकारात्मक और सकारात्मक दोनों पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। बैठक ने तेलंगाना के राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को जन्म दिया। कविता ने तेलुगु और अंग्रेजी में लिखे पत्र में कहा कि जैसे ही आपने (केसीआर) सिर्फ दो मिनट बात की, कुछ लोगों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया कि भविष्य में भाजपा के साथ गठबंधन होगा। मुझे तो यहां तक लगा कि आपको भाजपा के खिलाफ मजबूती से बोलना चाहिए था। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि मुझे भाजपा के कारण तकलीफ हुई है, लेकिन आपको भाजपा पर और निशाना साधना चाहिए था, डैडी।
बीआरएस ने 27 अप्रैल को वारंगल में अपनी रजत जयंती मनाई। कविता ने बैठक में पिछड़े वर्गों के लिए 42 प्रतिशत आरक्षण, अनुसूचित जातियों का वर्गीकरण, वक्फ संशोधन अधिनियम और उनके संबोधन से उर्दू को हटाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर राव की चुप्पी को नकारात्मक प्रतिक्रिया का कारण बताया। पत्र में उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस सरकार ने जमीनी स्तर पर अपना समर्थन खो दिया है और कुछ बीआरएस कैडर अब भाजपा को एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में देखते हैं। कविता ने कहा कि जब बीआरएस ने हाल ही में एमएलसी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया, तो पार्टी कार्यकर्ताओं को निराशा हाथ लगी थी। इससे एक मजबूत संकेत भी गया था कि वे भाजपा के साथ गठबंधन कर सकते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए था।
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