पूर्वोत्तर में बिगड़े हालात: सिक्किम का लाचेन गांव पूरी तरह से कटा; नौ लाख लोग प्रभावित, अब तक 50 की मौत
मानसून ने समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र को कवर कर लिया है और वहां पिछले कई दिनों से भारी बारिश हो रही है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर मिजोरम समेत सभी राज्यों में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। पूर्वोत्तर के राज्यों में बाढ़ और बारिश से नौ लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मूसलाधार मानसूनी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्यों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।

नई दिल्ली (आरएनआई) असम समेत पूर्वोत्तर के सभी सात राज्यों और सिक्किम में पिछले छह दिनों से लगातार हो रही बारिश से बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति और गंभीर हो गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कई सड़कें बंद हैं। ब्रह्मपुत्र समेत सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और सैकड़ों घर गिर गए हैं या बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। बारिश-बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में अब तक 50 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें सबसे अधिक असम के 19 लोग शामिल हैं। 1,500 से अधिक जलमग्न हुए हैं, लगभग 9 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और हजारों लोग राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर हैं।
उत्तरी सिक्किम के चाटन में बारिश के कारण जगह-जगह हुए भूस्खलन से कई लोग फंस गए हैं। सेना और वायुसेना फंसे लोगों को निकालने के लिए अभियान चला रही है। रास्ते में फंसे 113 सैलानियों को दुर्गम रास्तों के जरिये लाचेन गांव तक पहुंचाया गया है, लेकिन भूस्खलन की वजह से यह गांव पूरी तरह से कट गया है। इन सैलानियों को निकालने के लिए चलाया गया अभियान बुधवार को खराब मौसम के कारण रोकाना पड़ा। अधिकारियों के मुताबिक, असम में 19, जबकि अरुणाचल प्रदेश में 12, मेघालय में 6, मिजोरम में 5, सिक्किम में 4, त्रिपुरा में 2 और नगालैंड और मणिपुर में एक-एक मौत हुई है।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि दक्षिणी असम, खाकर सिलचर में कुछ हिस्सों में रेल सेवाएं पटरियों पर बढ़ते जल स्तर और वाशिंग पिट में जलभराव के कारण प्रभावित हुई हैं। कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया है, कुछ के फेरे बदल गए हैं और कुछ के गंतव्य से पहले ही सीमित कर दिया गया है। भारी वर्षा और भूस्खलन ने बदरपुर-लुमडिंग पहाड़ी खंड को खतरा पैदा कर दिया है, जो बराक घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है, हालांकि रेल यातायात बाधित नहीं हुआ है और पटरियों को साफ रखने के लिए कर्मचारियों को लगाया गया है। मौसम विभाग ने दक्षिण बंगाल में भी भारी बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी दी है। राज्य के उप हिमालयी जिलों और उत्तरी कोलकाता में पहले से ही मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार जैसे उप-हिमालयी जिलों में बृहस्पतिवार तक भारी बारिश होने की संभावना है।
मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से अरुणाचल प्रदेश के 23 जिलों में तीन हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है। दो लोग लापता हैं। सबसे बुरी तरह प्रभावित चांगलांग जिले में छह गांव पानी में डूब गए हैं, 212 घरों को नुकसान पहुंचा है और 2,231 लोग बेघर हो गए हैं। दिबांग घाटी व अंजॉ जिलों में तथा मागी व सिजी के पास लिकाबाली-आलो राजमार्ग पर ताजा भूस्खलन होने से वाहनों की आवाजाही बाधित हुई है। साथ ही, राज्य की कई प्रमुख नदियां उफान पर हैं।
असम के धुबरी, दक्षिण सलमारा-मनकाचर, गोलपाड़ा और कोकराझार में भारी बारिश के आसार हैं। ब्रह्मपुत्र समेत सात नदियां पहले से ही खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और 21 जिलों में 1,506 गांव जलमग्न हैं। बुधवार को और दो लोगों की मौत हो गई, जिससे यहां मृतकों की संख्या 19 हो गई है। लगभग 6.80 लाख प्रभावित हुए हैं।
मणिपुर और त्रिपुरा में बाढ़ संकट से बचाव के लिए सेना की पूर्वी कमान के तहत असम राइफल्स ऑपरेशन जल राहत-2 चला रही है। इसके तहत बाढ़ ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और साथ ही उन्हें मानवीय सहायता और आपदा राहत सामग्री प्रदान की जा रही है। दोनों राज्यों में दो लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं।
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