'आतंकवाद को पनाह देने वालों की लोकतंत्रिक देश से बराबरी नहीं', ट्रंप के मध्यस्थता के दावे पर बोले थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के दावे को खारिज किया और कहा कि आतंकवाद फैलाने वाले और लोकतंत्र में फर्क होता है, ऐसे असमान पक्षों के बीच मध्यस्थता संभव नहीं। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और पीड़ितों में कोई बराबरी नहीं हो सकती।

वॉशिंगटन (आरएनआई) कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि दो असमान पक्षों के बीच मध्यस्थता की बात करना संभव नहीं है, क्योंकि आतंकवादियों और उनके पीड़ितों के बीच कोई समानता नहीं होती। यह बयान उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कई बार किए गए उस दावे के जवाब में दिया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को खत्म करवाने में मदद की।
थरूर इस समय ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सिलसिले में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए अमेरिका में हैं। उन्होंने गुरुवार को ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ में एक चर्चा के दौरान ये बातें कही। थरूर ने कहा, मध्यस्थता कोई ऐसा शब्द नहीं है जिसे हम स्वीकार करने को तैयार हैं। मैं बताता हूं क्यों। जब आप मध्यस्थता जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, तो आप एक तरह की समानता का संकेत देते हैं जो वास्तव में मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों और उनके शिकार लोगों में कोई बराबरी नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा, ऐसे देश में जो आतंकवाद को पनाह देता है और ऐसे देश में जो एक मजबूत लोकतंत्र है और अपने काम में लगा है, इन दोनों के बीच कोई तुलना नहीं हो सकती। थरूर ने यह भी कहा कि एक ऐसा देश जो शांति चाहता है और अपने पड़ोसियों से अकेला छोड़े जाने की मांग करता है, उसकी तुलना उस देश से नहीं की जा सकती जो दुनिया के भौगोलिक समीकरणों को बदलना चाहता है। उन्होंने कहा, इन स्थितियों में असमान पक्षों के बीच मध्यस्थता की बात करना संभव नहीं है।
ट्रंप 10 मई से यह दावा कर रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच उन्होंने वार्ता करवाई, जिससे दोनों देशों ने पूर्ण और तत्काल संघर्षविराम पर सहमति जताई। तबसे ट्रंप दर्जनों बार यह दावा दोहरा चुके हैं कि उन्होंने दोनों परमाणु शक्तियों के बीच तनाव खत्म करवाया। उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा कि अगर वे युद्ध बंद करें तो अमेरिका उनके साथ बहुत व्यापार करेगा।
जब थरूर से पूछा गया कि वह अमेरिका की भूमिका को कैसे देखते हैं, तो उन्होंने कहा कि यह 'कुछ हद तक अनुमान' है कि अमेरिका दोनों पक्षों के संपर्क में रहा और भारत सरकार को अमेरिका के उच्च अधिकारियों से कई फोन आए, जिनमें अमेरिका की ओर से चिंता जताई गई। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान से भी उच्च स्तर पर संपर्क किया होगा, क्योंकि पाकिस्तान को ही इस प्रक्रिया को रोकने के लिए मनाने की जरूरत थी। उन्होंने कहा, शायद वहीं (पाकिस्तान) अमेरिका की बातों का सबसे ज्यादा असर हुआ। लेकिन यह मेरा अनुमान है, मुझे नहीं पता उन्होंने पाकिस्तानियों से क्या कहा।
ट्रंप ने गुरुवार को जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज से व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान फिर से यह दावा दोहराया कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने में सफल रहे। उन्होंने कहा, मैंने दोनों पक्षों के कुछ बहुत काबिल लोगों से बात की। अच्छे लोग हैं दोनों तरफ। मैंने कहा कि अगर आप युद्ध करेंगे या परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे, तो अमेरिका आपके साथ कोई व्यापार नहीं करेगा, क्योंकि इससे हमें भी नुकसान हो सकता है।
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