मथुरा: पाइप लाइन ठीक कर रहे किसान पर गिरी मिट्टी की ढाय, हुई मौत

मथुरा (आरएनआई) थाना फरह क्षेत्र के रैपुरा जाट स्थित गांव भदाया गढ़ी हीरा में मंगलवार को गिरी मिट्टी की ढाय में दबने से किसान की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। परिजन ने उत्तरी बाईपास की सर्विस रोड बना रही कंपनी पर आरोप लगाते हुए हंगामा काटा।
गांव भदाया गढ़ी हीरा निवासी पंकज ने बताया कि मंगलवार को वह अपने पिता बाबूलाल (46) के साथ खेत में क्षतिग्रस्त हुई पाइप लाइन को ठीक कर रहे थे। अचानक 12 फुट ऊंची मिट्टी की ढाय गिर पड़ी। मिट्टी के अंदर उनके पिता दब गए। उन्होंने शोर किया तो आसपास के लोग बचाव के लिए दौड़े। सूचना पर पुलिस अधिकारी भी पहुंच गए। पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से मिट्टी के अंदर दबे बाबूलाल को बाहर निकाला और मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया। वह अपने पिता को लेकर अस्पताल जाते इससे पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने का प्रयास किया तो ग्रामीणों ने उत्तरी बाईपास की सर्विस रोड बनाने वाली कंपनी की लापरवाही के कारण किसान की मौत होने का आरोप लगाते हुए हंगामा काटा। पुलिस ने परिजन को कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाकर परिजन शांत हुए। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पंकज सिंह ने बताया कि दो दिन पूर्व हाईवे के सर्विस रोड के निर्माण कार्य के कारण उनके खेत की सिंचाई पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई। इसकी शिकायत जब कंपनी के अधिकारियों से की तो अधिकारियों ने जेसीबी से 5 बाई 10 फुट गहरा गड्ढा खोद दिया और क्षतिग्रस्त पाइप लाइन को स्वयं ठीक करने की कहकर चले गए। मंगलवार दोपहर उनके पिता गड्ढे में सीढ़ी लगाकर नीचे उतरे और क्षतिग्रस्त पाइप लाइन को ठीक कर रहे थे, तभी ढाय गिरी और मिट्टी में दबने से पिता की मौत हो गई। ग्राम प्रधान वीरपाल ने बताया कि उत्तरी बाईपास के निर्माण कार्य के चलते किसानों की पाइप लाइन रोज क्षतिग्रस्त होती हैं। उत्तरी बाईपास का निर्माण कर रही कंपनी के अधिकारियों को कई बार बताया गया है कि निर्माण कार्य ठीक तरह से करें, लेकिन अधिकारी मनमाने तरीके से कार्य कर रहे हैं। सीओ रिफाइनरी श्वेता वर्मा ने बताया कि सूचना मिलते ही थाने का फोर्स मौके पर पहुंच गया। परिजन कंपनी के अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है, लेकिन तहरीर नहीं दी है। तहरीर मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम प्रधान वीरपाल ने बताया कि मिट्टी की ढाय गिरने से मृत बाबूलाल के दो बेटे और एक बेटी है। बेटी ललिता (18) शादी योग्य है। पिता उसकी शादी के लिए लड़का खोज रहे थे। एक स्थान से बात पक्की भी हो गई थी, लेकिन बेटी की डोली उठाने से पहले ही पिता की अर्थी उठ गई। बेटा योगेश (20) दिव्यांग है। दूसरा बेटा पंकज और बाबूलाल ही पूरे परिवार का ध्यान रखते थे।
भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई और मृतक के परिजन को मुआवजे की मांग की। भाकियू के प्रवक्ता डॉ. संदीप कुमार ने बताया कि बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग-19 पर बने कंपनी के मुख्य द्वार पर भाकियू पदाधिकारी पीड़ित परिवार के साथ धरना देंगे। इसके बाद भी यदि प्रशासन और जिम्मेदार कंपनी के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन किया जाएगा।
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