लोगों को हथियार लाइसेंस देगी सरकार; गौरव गोगोई ने कहा- अराजकता-जंगल राज की ओर खतरनाक कदम
असम कांग्रेस प्रमुख गौरव गोगोई ने सरकार के हथियार लाइसेंस पर फैसले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह शासन नहीं, बल्कि अराजकता और जंगल राज की ओर एक खतरनाक कदम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को तुरंत इस फैसले को वापस लेना चाहिए।

नई दिल्ली (आरएनआई) असम सरकार ने स्थानीय लोगों को हथियार लाइसेंस देने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले की असम कांग्रेस प्रमुख गौरव गोगोई ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह शासन नहीं बल्कि 'अराजकता और जंगल राज' की ओर एक खतरनाक कदम है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को तुरंत इस फैसले को वापस लेना चाहिए और लोगों का भरोसा जीतने के लिए जिम्मेदारी से सरकार चलानी चाहिए।
मुख्यमंत्री सरमा ने बुधवार को कहा कि असम सरकार 'कमजोर और दूरदराज' क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोगों को सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए उन्हें हथियार लाइसेंस देगी। सीएम के इस फैसले की कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने निंदा की। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मैं राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों को हथियार वितरित करने के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के फैसले की कड़ी निंदा करता हूं।'
कांग्रेस नेता गोगोई ने कहा कि असम के लोग नौकरी, सस्ती स्वास्थ्य सेवा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के हकदार हैं, न कि बंदूकों के। उन्होंने सीएम सरमा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार पुलिस और सीमा सुरक्षा बलों को मजबूत करने के बजाय, भाजपा-आरएसएस समर्थकों और स्थानीय आपराधिक गिरोहों के बीच हथियार बांटने पर आमादा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से व्यक्तिगत प्रतिशोध के आधार पर गिरोहों में हिंसा और अपराध बढ़ेंगे। स्थानीय व्यापारियों और कारोबारियों को परेशान किया जाएगा।
गौरव गोगोई ने कहा कि यह शासन नहीं है। यह अराजकता और जंगल राज की ओर एक खतरनाक कदम है। उन्होंने कहा, 'यह निर्णय जनता की चिंता नहीं, बल्कि चुनावी चिंताओं को दर्शाता है। मुख्यमंत्री को इसे तुरंत वापस लेना चाहिए और जिम्मेदार नेतृत्व के माध्यम से जनता का विश्वास बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।'
सीएम सरमा ने गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कमजोर और दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मांग की समीक्षा के बाद राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हथियार लाइसेंस देने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, 'असम एक बहुत ही अलग और संवेदनशील राज्य है। कुछ इलाकों में रहने वाले असमिया लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और वे लंबे समय से हथियार लाइसेंस की मांग कर रहे हैं।'
सीएम सरमा ने कहा था कि बांग्लादेश में हाल ही में हुए घटनाक्रम और संदिग्ध विदेशियों के खिलाफ राज्य सरकार के हालिया अभियान की पृष्ठभूमि में, ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय लोगों को लगता है कि उन पर हमला हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार पात्र लोगों को लाइसेंस देने में नरमी बरतेगी, जो मूल निवासी होने चाहिए और राज्य के कमजोर और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय समुदाय से संबंधित होने चाहिए। इससे उन्हें अतिरिक्त साहस मिलेगा।
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