मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बोले- इस्लाम के दुश्मन हैं अमेरिका और इस्राइल; डोनाल्ड ट्रंप को बताया नासमझ
इस्राइल का ईरान की राजधानी तेहरान पर हमला और फिर ईरान की जवाबी कार्रवाई पर बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मौलाना ने अमेरिका और इस्राइल दोनों देशों को इस्लाम विरोधी बताया। साथ ही अरब देशों को भी चेताया है।

बरेली (आरएनआई) ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि इस्राइल द्वारा फलस्तीन के शहर गाजा में कत्लेआम पर पूरी दुनिया खामोश तमाशाई बनी है, जहां लाखों बच्चों और औरतों को इस्राइल कत्ल कर चुका है। ऐसा तो हिटलर ने भी नहीं किया था। अगर आज हिटलर जिंदा होता और इस्राइल का जुल्म देखता तो वो भी शर्मिंदा हो जाता। अफसोस की बात तो ये है कि मानवता की दुहाई देने वाले देश तमाशा देख रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र और अरबलीग और ओआईसी जो इंटरनेशनल कानून की रखवाली करते हैं वो भी तमाशा देख रहे हैं। अरब दुनिया भी अपनी बेबसी का इजहार कर रही है।
मौलाना ने कहा कि अमेरिका और इस्राइल दोनों देश इस्लाम के दुश्मन हैं। इस्लाम का वजूद इन दोनों देशों की नजर में खटकटा रहा है। अमेरिका हमेशा इस्राइल का समर्थन करता रहा है। अगर अमेरिका इस्राइल को संरक्षण और हथियार सप्लाई करना बंद कर दें तो इस्राइल अरब देशों और फलस्तीन पर जुल्म व अत्याचार करने की हिम्मत नहीं जुटा सकता। इस्राइल ने ईरान की राजधानी तेहरान पर हमला किया है, उसकी वजह सिर्फ अमेरिका है। अमेरिका दोहरी नीति पर अमल करता है। अमेरिका एक तरफ लोगों को खाने के पैकेट बांटता है तो दूसरी तरफ बम बरसाता है। यही वजह है कि अरब देशों को छोड़कर बाकी दुनिया के तमाम देश अमेरिका से होशियार रहते हैं।
शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि अमेरिका की बदकिस्मती है कि उसको डोनाल्ड ट्रंप जैसा राष्ट्रपति मिला। ट्रंप के नकारात्मक फैसलों और ऊल जलूल बयानों से जाहिर होता है कि ये शख्स नासमझ हैं और ना जाने किस जल्दबाजी में है। खुद अमेरिका के अंदर ट्रंप के खिलाफ धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। कई शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ की इतनी बड़ी घटनाएं हुई हैं कि कर्फ्यू लगाना पड़ा। ट्रंप के गलत फैसलों की वजह से अमेरिका के अंदर अफरातफरी का माहौल है।
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