पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ का कहर: राज्यों में भूस्खलन से तबाही, अब तक चार लाख से अधिक लोग प्रभावित; 20+ मौतें
पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ से भारी तबाही हुई है। चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। मानसून की पहली बारिश में सड़क, रेल मार्ग बाधित हो गया है। 10 नदियां उफान पर हैं। कुछ इलाकों में भूस्खलन के कारण संपर्क कटने की खबर है।

नई दिल्ली (आरएनआई) दक्षिण-पश्चिम मानसून पूर्वोत्तर के राज्यों में पहुंच गया और इसके प्रभाव से इन राज्यों में मूसलाधार बारिश हो रही है। मानसून की इस पहली बरसात में ही पूर्वोत्तर के राज्यों में हाहाकार मचा है। ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 10 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अरुणाचल प्रदेश, असम समेत लगभग सभी राज्यों में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही मची है।
800 से अधिक घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है और राहत व बचाव कार्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) समेत कई एजेंसियां लगी हैं। असम और अरुणाचल सरकार ने बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों के परिजनों के लिए चार-चार लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है।
असम के 20 जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। यहां 4 लाख लोग प्रभावित हैं। बाढ़ और भूस्खलन से सड़क परिवहन, रेल यातायात और नौका सेवाएं भी प्रभावित हुईं। कामरूप जिले के हाटीगांव इलाके में सिंगरा सलोनीबारी के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-17 का एक हिस्सा ढह गया है। राज्य में बाढ़ और बारिश से अब तक 8 लोगों की मौत हुई है।
सिक्किम में लगातार बारिश के कारण रविवार को तीस्ता नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया। मौसम विभाग ने मंगन जिले में रविवार को भारी बारिश को लेकर पहले ही रेड अलर्ट जारी किया था। उत्तरी सिक्किम में बारिश और भूस्खलन से कई रास्ते बंद हैं और 1,500 से अधिक सैलानी फंसे हुए हैं।
त्रिपुरा में भी बाढ़ से स्थिति खराब हो गई है। अगरतला में बाढ़ से भरे पानी के बीच मेनहोल में गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। मुख्यमंत्री मानिक साहा के आवास के सामने भी घुटने तक पानी भर गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि पश्चिम त्रिपुरा जिले में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है जिसके चलते कई इलाकों में पानी भर गया है और 1,300 से अधिक परिवारों के 5,000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में शरण लेना पड़ा है। अगरतला नगर निगम क्षेत्र में 27 राहत शिविर बनाए गए हैं।
मणिपुर में पिछले 48 घंटे से हो रही मूसलाधार बारिश से भारी तबाही मची है। बाढ़ और भूस्खलन से राज्य में 883 घरों को नुकसान पहुंचा है और 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं। राजधानी इंफाल में सेना और असम राइफल के जवानों ने 1,500 से अधिक लोगों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकाला है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से बात कर हालात का जायजा लिया है और हरसंभव सहायता का भरोसा दिया है। शाह ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लोगों के समर्थन में चट्टान की तरह खड़ी है। असम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों और मणिपुर के राज्यपाल से उनके राज्यों में जारी भारी बारिश के मद्देनजर बात की। साथ ही उन्हें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
तिनसुकिया। असम-अरुणाचल सीमा पर उफनती बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को रविवार को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के जवानों ने हेलीकॉप्टर की मदद से बचा लिया। जिला आयुक्त स्वप्निल पॉल ने कहा कि लगातार बारिश से जलस्तर बढ़ने से ये लोग फंस गए थे।
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