पहलगाम हमले के बाद से सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था इंजीनियर; पाकिस्तान एजेंटों को दी थी खूफिया जानकारी

मुंबई (आरएनआई) भारतीय नौसेना से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) को लीक करने के मामले में गिरफ्तार इंजीनियर रवि वर्मा पहलगाम हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर था। आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) की जांच में यह बात सामने आई है कि मुंबई स्थित एक निजी रक्षा फर्म में कार्यरत 27 वर्षीय जूनियर इंजीनियर ने 14 भारतीय नौसेना के युद्धपोतों से जुड़ी गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (पीआईओ) को लीक की। महाराष्ट्र एटीएस को पहलगाम आतंकवादी हमले से कुछ दिन पहले रवि की जासूसी के बारे में जानकारी मिली थी।
एटीएस को उन लोगों की तलाश थी, जो रवि की मदद कर रहे थे या जिनके साथ वह संपर्क में था। जांच में पता चला है कि रवि वर्मा को जासूसी के लिए काफी पैसे मिले थे। वह पैसे के लिए जासूसी कर रहा है। गोपनीय सूचनाएं देने के बदले रवि के बैंक खाते में भारत और विदेशों से बड़ी मात्रा में पैसा आया था। हालांकि, उसने गोपनीय सूचनाओं के कई संदेशों को डिलीट कर दिया था, लेकिन फॉरेंसिक विश्लेषण से संचार ट्रेल को पुनः प्राप्त कर लिया गया।
एटीएस की पूछताछ में यह भी जानकारी मिली है कि नौसेना से जुड़ी जो सूचनाएं रवि वर्मा ने पीआईओ को दी थी उनमें से पांच स्थान सटीक थे और उन्हें प्रतिबंधित जानकारी के रूप में वर्गीकृत किया गया था। बता दें कि महाराष्ट्र एटीएस की ठाणे इकाई ने बुधवार को रवि मुरलीधर वर्मा (27) को पाकिस्तानी एजेंटों को खुफिया जानकारी मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था। ठाणे के कलवा (पूर्व) खारेगांव निवासी वर्मा क्रासनी डिफेंस टेक्नोलॉजी प्रा.लि. में कार्यरत थे जो मझगांव डॉक, नौसेना डॉकयार्ड, भारतीय तटरक्षक बल और मुंबई पोर्ट ट्रस्ट सहित महत्वपूर्ण रक्षा प्रतिष्ठानों के लिए जहाज मरम्मत अनुबंधों लगी एक फर्म है।
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