दिल्ली में कांपी धरती, रिक्टर स्केल पर 2.3 रही तीव्रता
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.3 रही। भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्व, दिल्ली में था। भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से करीब 5 किलोमीटर की गहराई में था।

दिल्ली (आरएनआई) दिल्ली-एनसीआर में रविवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि भूकंप की तीव्रता कम होने की वजह से अधिकांश लोगों को झटके नहीं महसूस हुए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.3 रही। भूकंप का केंद्र दक्षिण पूर्व, दिल्ली में था। फिलहाल कहीं से भी जान-माल की हानि की सूचना नहीं है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप शनिवार और रविवार की मध्य रात्रि करीब 1.27 बजे आया। उस समय लोग सो रहे थे, इस कारण भी झटके लोगों को महसूस नहीं हुए। भूकंप का केंद्र जमीन की सतह से करीब 5 किलोमीटर की गहराई में था।
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।
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