टोडरपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत बूढनपुर में कोटेदार मनरेगा योजना में घर बैठे पा रहा मजदूरी, जिम्मेदार मौन

हरदोई (आरएनआई) गांव स्तर पर गरीबों को 100दिन रोजगार की गारंटी देने के लिये सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना लांच की गयी लेकिन गरीबों और मजदूरों के हक की यह योजना भी भ्रष्टाचार की दीमक से नहीं बच सकी। ग्रामीण अंचलों में ग्राम प्रधान व पंचायत सेक्रेटरियों ने इस योजना के नियमों को ताक पर रखकर मनमाने तरीके से क्रियान्वयन शुरू कर दिया। जिसके चलते जरूरतमंद गरीब लोग योजना में पात्र होते भी लाभान्वित नहीं हो सके। दूसरी ओर गांव में सम्पन्न व प्रभावशाली लोग के अलावा प्रधानों के परिवार व रिश्तेदारों को जाब कार्ड जारी कर बिना काम किए मजदूरी का बंदरबांट किया गया है। ऐसा ही एक मामला टोडरपुर ब्लाक की ग्राम पंचायत बूढनपुर में प्रकाश में आया है। यहां सत्ता से पोषित एक मनुवादी की दंबगई ने सारी हदें पार कर दी है।आरक्षण व्यवस्था में पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित सीट पर गुड्डी पत्नी गुड्डू चुनी गयी। लेकिन सरकार के महिला सशक्तिकरण के लाख दावो के वावजूद भी इस गांव में न तो महिला सशक्तिकरण हो सका न ही आरक्षण का लाभ दिखाई दिया। मनुवादियों का ही डंका बजता दिखाई दिया। सरकारी मुलाजिम भी मनुवादी ही रहा ऐसे में मनुवादियों की मनमानी खूब चली। मनुवादियों की मनमानी में ही ग्राम प्रधान ने भी हामी भर दी। जिसका नतीजा यह हुआ कि ग्राम विकास की योजनाओं में प्राप्त धन का खूब बंदरबांट किया गया। बेचारे गांववासी विकास की बाट जोहते ही रह गये।ऐसे ही बंदरबांट व नियमों की धज्जियां उड़ानें का मामला मनरेगा योजना में दिखाई दिया। ग्राम प्रधान ने अपने पति गुड्डू पुत्र निर्मल को जाब कार्ड संख्या अप30-030-012-001/87 जारी कर वित्तीय वर्ष 2021-22मे 62दिन काम दर्शाकर 12हजार 6सौ 48 रुपया व वित्तीय वर्ष 2022-23मे 34दिन का काम दर्शाकर 7हजार2सौ 42 रूपया कुल 19हजार 8सौ 70 रुपया निकाल लिया। जबकि प्रधान पति ने एक भी दिन काम नहीं किया गया।ऐसा स्थानीय लोगों का कहना है।इसी क्रम में महिला प्रधान ने अपने सगे जेठ हरिओम पुत्र निर्मल को जाब कार्ड संख्या UP 30-030-012-001/182 जारी कर वित्तीय वर्ष 2021-22 मे 78दिन की मजदूरी 15हजार 9सौ 12 रुपया, वित्तीय वर्ष 2022-23मे59दिन की मजदूरी 12हजार 5सौ 67रुपया, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 37दिन की मजदूरी 87हजार 5सौ10रुपया व वित्तीय वर्ष 2024-25मे 78दिन की मजदूरी 18हजार 4सौ 86रुपया कुल मजदूरी का बिना काम करायें ही भुगतान कर दिया गया है। इतना ही नहीं इस ग्राम प्रधान व पंचायत सेक्रेटरी ने बूढनपुर के कोटेदार अनूप पुत्र कमलेश चन्द्र त्रिवेदी का भी जाब कार्ड संख्या UP 30-030-012-001/741 जारी कर काम भी आबंटित कर दिया। आबंटित कार्य से मजदूरी के रुप में वित्तीय वर्ष 2023-24मे 54 दिन दर्शाकर 12हजार 4सौ 20रुपया व वित्तीय वर्ष 2024-25मे 87दिन काम दर्शाकर 20हजार6सौ19 रुपया व वित्तीय वर्ष 2025-26 में ,3हजार 24रूपया कुल मिलाकर 36063रुपया कोटेदार को बिना काम कराये ही भुगतान कर दिया गया बताया जा रहा है। सबसे मजे की बात तो यह है कि गांव का कोटेदार प्रभावशाली व सम्पन्न व्यक्ति माना जाता है दूसरे वह सरकारी कोटे की दुकान कि संचालन करता है ऐसे में रोजगार से परिपूर्ण व्यक्ति नरेगा मजदूर कैसे बन सकता है। यह अपने आप में सवालों के घेरे में है।इतना ही नहीं तथाकथित मनुवादी के परिवार में और भी जाब कार्ड जारी किए गए हैं।जिनका ब्योरा जांच कराने पर मिल सकता है। फिलहाल बानगी के रूप दिये गये तथ्यों के आधार पर यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि प्रधान द्वारा अपने पति ,सगे जेठ और गांव के कोटेदार के नाम पर फर्जी जॉब कार्ड जारी करवाकर, मजदूरी भुगतान दिखाया, जबकि दोनों व्यक्तियों ने कोई कार्य नहीं किया। यह मामला न सिर्फ मनरेगा अधिनियम 2005 का उल्लंघन है, बल्कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की कई धाराओं के तहत दंडनीय अपराध भी है।
राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के तहत प्रावधान
राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 की धारा 13 (1) के तहत ग्राम पंचायत को योजना को निष्पक्ष रूप से लागू करना होता है। प्रधान द्वारा इसका दुरुपयोग स्पष्ट है। अधिनियम की धारा 14 (3) के तहत जनप्रतिनिधि द्वारा गड़बड़ी पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। अधिनियम की धारा 25 के तहत किसी भी तरह की धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा व गलत भुगतान के लिए दंड का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा भारतीय न्याय संहिता के तहत भी दण्ड के प्रावधान किये गये है।
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