विदेश मंत्री जयशंकर बोले- दूरी और लागत घटाने में चाबहार अहम; 7200 KM के INSTC का जिक्र भी किया
विदेश मंत्री जयशंकर बोले- दूरी और लागत घटाने में चाबहार अहम; 7200 KM के INSTC का जिक्र भी किया

नई दिल्ली (आरएनआई) भारत ने गुरुवार को व्यापारिक दूरी और लागत कम करने के लिए ईरान के चाबहार बंदरगाह के ज्यादा इस्तेमाल की वकालत की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और मध्य एशियाई देशों को क्षेत्रीय संपर्क बढ़ाने के लिए अधिक संसाधन लगाने की जरूरत है। इससे माल ढुलाई की दूरी और खर्च कम होगा।
उन्होंने कहा कि भारत और मध्य एशिया के सभी देश ट्रांसपोर्ट इंटरनेशनॉक्स राउटर्स (टीआईआर) सिस्टम के सदस्य हैं, ऐसे में सीमा पार माल ढुलाई को सरल और तेज बनाना चाहिए। बता दें कि चाबहार बंदरगाह ईरान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है और भारत-ईरान मिलकर इसका विकास कर रहे हैं। जयशंकर ने आगे जोर दिया कि दोनों पक्षों को दीर्घकालिक समझौते, आपसी निवेश और संयुक्त उपक्रमों के ज़रिए संबंधों को और मजबूत करना चाहिए।
भारत-मध्य एशिया बिजनेस सम्मेलन में बोलते हुए जयशंकर ने कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रियों की मौजूदगी में कहा कि भारत डिजिटल भुगतान और सेवाओं के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाने में मध्य एशिया के साथ साझेदारी करना चाहता है।
विदेश मंत्री ने भारत और मध्य एशिया के बीच आपसी जुड़ाव बढ़ाने पर जोर दिया। जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन रास्ते (आईएनएसटीसी) का जिक्र करते हुए कहा कि आईएनएसटीसी के लिए ज्यादा संसाधन दिए जाने की जरूरत है। आईएनएसटीसी 7,200 किमी लंबा परिवहन प्रोजेक्ट भारत, ईरान, अफगानिस्तान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप को जोड़ता है।
जयशंकर ने कहा कि व्यापार को विविध बनाना जरूरी है, जिससे सभी को नए विकल्प और प्रतिस्पर्धा मिल सके। उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की बताते हुए कहा कि यह हर साल 6–8% की दर से बढ़ रही है, जिससे नई मांगें और मौके पैदा हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने ऊर्जा, खनन और उर्वरकों को ऐसे प्रमुख क्षेत्र बताए जिनमें भारत और मध्य एशिया के बीच सहयोग बढ़ाया जा सकता है।
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