'ईरानी एलपीजी के साथ संबंध होने की बात बेबुनियाद...', अदाणी समूह ने खारिज की रिपोर्ट
अदाणी समूह ने वॉल स्ट्रीट जर्नल की उस रिपोर्ट को खारिज किया है, जिसमें उनके ईरानी एलपीजी से जुड़े होने और अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का शक जताया गया था। समूह ने कहा कि उनका एलपीजी कारोबार बहुत छोटा है और सभी व्यापार भारतीय और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार होता है। साथ ही वह ईरान से कोई माल नहीं लाते और ईरानी जहाजों को अपने बंदरगाहों पर अनुमति नहीं देते।

नई दिल्ली (आरएनआई) अदाणी समूह ने सोमवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि अदाणी समूह की कंपनियों का ईरानी एलपीजी से कथित तौर पर संबंध है और यह अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन कर सकता है। अदाणी समूह ने आज स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी कि रविवार को वॉल स्ट्रीट जर्नल की खबर में अदाणी समूह और ईरानी एलपीजी के बीच संबंध होने की बात कही गई है, जो पूरी तरह से बेबुनियाद और गुमराह करने वाली है।
समूह ने कहा, हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमने कभी भी जानबूझकर किसी भी तरह के प्रतिबंधों को नजरअंदाज नहीं किया है और न ही ईराने से आने वाली एलपीजी ससे कोई व्यापार किया है। हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कोई अमेरिकी एजंसी इसकी जांच कर रही है। अदाणी समूह ने यह भी कहा कि यह रिपोर्ट केवल अटकलों और गलत अनुमानों पर बनी है। इसका कोई आधार नहीं है।
इसने आगे कहा, अगर कोई कहता है कि अदाणी समूह की कंपनियां ईरान पर लगे प्रतिबंधों का जानबूझकर उल्लंघन कर रही हैं, तो हम इस बात को पूरी तरह खारिज करते हैं। अगर कोई इसके उलट बात करता है, तो वह केवल हमें बदनाम करने और नुकसान पहुंचाने की कोशिश मानी जाएगी। इस मामले में अदाणी समूह और उसके कर्मचारियों के सभी कानूनी अधिकार सुरक्षित हैं। हमारी नीति स्पष्ट है कि हम अपने किसी भी बंदरगाह पर ईरान से आया हुआ माल नहीं उतारते। इसमें वह सामान भी शामिल है, जो ईरान से आता है या उन जहाजों से आता है, जो ईरान के राष्ट्रीय ध्वज के तले चलते हैं। हम ऐसे किसी भी जहाज को नहीं चलाते, न ही उसका प्रबंधन करते हैं, जिसके मालिक ईरानी हैं। यह नियम हम अपने हर बंदरगाह पर पूरी सख्ती से लागू करते हैं।
अदाणी समूह ने कहा कि उसकी कंपनियां भारत और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार ही सभी एलपीजी व्यापार करती हैं। समूह ने आगे कहा कहा कि 2024-25 में उनकी कुल कमाई 11,727 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी, जिसमें से एलपीजी (गैस) कारोबार से सिर्फ 171.2 मिलियन डॉलर की कमाई हुई, जो कि कुल का सिर्फ 1.46 फीसदी है।
इसने कहा कि एलपीजी कारोबार उनका एक बहुत छोटा और कम असर वाला हिस्सा है, लेकिन फिर भी इस व्यापार में भारत और अंतरराष्ट्रीय कानूनों, अमेरिकी प्रतिबंधों के नियमों का भी पूरा पालन किया जाता है। अडानी समूह ने बताया कि वह एलपीजी जाने-माने और भरोसेमंद अंतरराष्ट्रीय आपूर्तिकर्ताओं से तयशुदा करार के तहत खरीदता है। एलपीजी मंगाने से पहले वह पूरी जांच करता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपूर्तिकर्ता किसी प्रतिबंधित सूची में न हो। एलपीजी की शिपिंग का काम अनुभवी और अंतरराष्ट्रीय थर्ड पार्टी कंपनियां करती हैं, जो दुनिया भर के नियमों का पालन करती हैं। इन आपूर्तिकर्ताओं से जो करार किया जाता है, उसमें साफ लिखा होता है कि माल किसी ऐसे देश से नहीं आना चाहिए जिस पर पाबंदी लगी हो।
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