असम में बाढ़ के हालात में सुधार; सिक्किम में भूस्खलन प्रभावित इलाके से हेलीकॉप्टर से निकाले गए लोग
बाढ़ के चलते असम में 12,659 हेक्टेयर की फसलें तबाह हो गईं। अधिकारियों ने बताया कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य भी बाढ़ से प्रभावित हैं।

गुवाहाटी (आरएनआई) असम में बाढ़ के हालात में कुछ सुधार हुआ है और प्रभावित आबादी की संख्या और क्षेत्र में कमी आई है। हालांकि 12 जिलों को 3.37 लाख लोग अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। असम में इस साल बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों का आंकड़ा शनिवार को बढ़कर 23 हो गया, जिनमें से छह लोग भूस्खलन की चपेट में आकर मरे हैं। नदियों का जलस्तर भी घट रहा है, लेकिन अभी भी कुछ जगहों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बाढ़ और नदी के जलस्तर को देखते हुए बीते सप्ताह ब्रह्मपुत्र नदी में नौका सेवाएं बंद कर दी गईं थीं, लेकिन अब इन्हें आंशिक रूप से फिर से शुरू कर दिया गया है। धुबरी, कोपिली, बीपी घाट आदि इलाकों में अभी भी ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। असम में बाढ़ से अभी 12 जिलों के 41 सर्किल समेत 999 गांव और इनमें रहने वाली करीब 3.37 लाख आबादी प्रभावित है। श्रीभूमि में सबसे ज्यादा 1.93 लाख लोग, हैलाकांडी में 73,724 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और कछार में 56,398 लोग अभी भी बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ के चलते असम में 12,659 हेक्टेयर की फसलें तबाह हो गईं। अधिकारियों ने बताया कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य भी बाढ़ से प्रभावित हैं।
सिक्किम सरकार ने राज्य के उत्तरी हिस्से में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में फंसे टैक्सी चालकों और कुछ स्थानीय लोगों को निकालने के लिए एक हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की है। स्थानीय लोगों और कुछ टैक्सी चालकों ने उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए प्रशासन से मांग की थी। जिसके बाद सरकार ने एक हेलीकॉप्टर किराए पर लिया। दरअसल भूस्खलन और लगातार बारिश के चलते कई इलाकों का सड़क संपर्क टूट गया है। एक अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर की उड़ान आज सुबह पाकयोंग ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे से शुरू हुई, जिसमें से पहला हेलीकॉप्टर चटेन की ओर रवाना हुआ, ताकि निकासी प्रक्रिया शुरू की जा सके। उत्तरी सिक्किम के लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग कस्बों में खराब मौसम के कारण कई दिनों तक करीब 2,000 पर्यटक फंसे रहे, जिसके बाद इस सप्ताह की शुरुआत में कई दिनों तक चले बचाव अभियान में उन्हें सड़क और हवाई मार्ग से निकाला गया।
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