दिल्ली हाईकोर्ट से लालू यादव को झटका, निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक की मांग खारिज
इससे पहले आईआरसीटीसी होटल घोटाले मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और अन्य आरोपी हैं। कोर्ट 23 जुलाई को आरोप पर फैसला सुनाएगा। भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के बाद जांच एजेंसी ने आरोप दायर किया था।

नई दिल्ली (आरएनआई) दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजद प्रमुख और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने 'जमीन के बदले नौकरी' घोटाले से संबंधित कथित भ्रष्टाचार मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी। इस घोटाले की जांच सीबीआई ने की थी।
अधिकारियों ने बताया कि यह मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। यह नियुक्ति 2004 से 2009 के बीच लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थी। इन नियुक्तियों के बदले में लोगों ने राजद सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर जमीन के टुकड़े उपहार में दिए या हस्तांतरित किए। 18 मई 2022 को लालू और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
IRCTC का मामला रेलवे भर्ती घोटाले से अलग है। IRCTC घोटाले का आरोप भी 2004 में लालू के रेल मंत्री रहते होने की बात है। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने उस वक्त रेलवे की कैटरिंग और रेलवे होटलों की सेवा को पूरी तरह IRCTC को सौंप दिया था। इस दौरान रांची और पुरी के बीएनआर होटल के रखरखाव, संचालन और विकास को लेकर जारी टेंडर में अनियमिताएं किए जाने की बातें आई थीं। ये टेंडर 2006 में एक प्राइवेट होटल सुजाता होटल को मिला था। आरोप है कि सुजाता होटल्स के मालिकों इसके बदले लालू यादव परिवार को पटना में तीन एकड़ जमीन दी, जो बेनामी संपत्ति थी। इस मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कई लोग आरोपी हैं।
इससे पहले कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाले से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने 14 मई को दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर मुकदमा चलाने के मंजूरी मिल गई है। यह घोटाला उस समय हुआ था, जब लालू प्रसाद केंद्रीय रेल मंत्री थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू पर मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी। राष्ट्रपति ने सीआरपीसी की धारा 197(1) (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218) के तहत अनुमति प्रदान की थी।
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