'जनगणना में देरी और परिसीमन की योजना कोई संयोग नहीं, बल्कि साजिश है', सीएम स्टालिन का बड़ा आरोप
मुख्यमंत्री स्टालिन का कहना है कि जो राज्य – खासकर दक्षिण भारत के गैर-हिंदी भाषी राज्य – जिन्होंने समय पर जनसंख्या नियंत्रण के नियमों का पालन किया, अब उन्हें सज़ा दी जा रही है। जबकि जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण की अनदेखी की, उन्हें संसद में ज्यादा सीटें मिलने वाली हैं।

चेन्नई (आरएनआई) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने शुक्रवार को केंद्र की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि देश में जनगणना में हो रही देरी और आगामी परिसीमन की योजना कोई संयोग नहीं है, बल्कि एक खतरनाक साजिश है, जिससे दक्षिणी राज्यों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। सीएम स्टालिन ने सोशल मीडिया पर कहा, 'जिस खतरे की मैंने पहले चेतावनी दी थी, वह अब हमारे दरवाजे पर आ खड़ा हुआ है।' उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जनगणना और परिसीमन को एक राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है।
मुख्यमंत्री स्टालिन का कहना है कि जो राज्य – खासकर दक्षिण भारत के गैर-हिंदी भाषी राज्य – जिन्होंने समय पर जनसंख्या नियंत्रण के नियमों का पालन किया, अब उन्हें सज़ा दी जा रही है। जबकि जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण की अनदेखी की, उन्हें संसद में ज्यादा सीटें मिलने वाली हैं। स्टालिन ने कहा, 'यह संघीय ढांचे के संतुलन को बिगाड़ता है और गैर-जिम्मेदार राज्यों को इनाम देता है।'
सीएम स्टालिन ने चेतावनी दी कि यदि 2027 की जनगणना के आधार पर नए सिरे से परिसीमन किया गया, तो 1971 की जनसंख्या के आंकड़ों की जगह नए आंकड़े लिए जाएंगे। इससे दक्षिण भारत की लोकतांत्रिक ताकत कमजोर हो सकती है और संसद में उसका प्रभाव कम हो जाएगा।
सीएम स्टालिन ने आगे कहा कि उन्होंने पहले ही इस साजिश के बारे में चेतावनी दी थी और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने भी इस पूरे मुद्दे को विस्तार से समझाया है। अब सिर्फ सतर्क रहने का समय नहीं, बल्कि रणनीति बनाकर मुकाबला करने का वक्त है। उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए बयानों को "अस्पष्ट" बताते हुए कहा कि सिर्फ कहने से नहीं, बल्कि संसद में ठोस प्रतिबद्धता और संवैधानिक संशोधन की जरूरत है।
स्टालिन ने कहा कि केंद्र ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा देने का वादा किया था, लेकिन आज भी वह केंद्र शासित प्रदेश है। ऐसे में भाजपा के वादों पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने एआईएडीएमके पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भले ही कुछ दल भाजपा के आगे झुक जाएं, लेकिन तमिलनाडु की जनता और द्रमुक (डीएमके) ऐसा नहीं होने देंगे। 'तमिलनाडु को उसकी तरक्की की सजा नहीं दी जा सकती। तमिलनाडु लड़ेगा, तमिलनाडु जीतेगा!'
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