उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में भीषण गर्मी-लू से हलकान जनमानस; चार दिनों बाद मिल सकती है राहत
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के कई स्थानों पर 11 जून तक लू चलने की संभावना है और 09 जून को इसका असर बहुत गंभीर हो सकता है।

नई दिल्ली (आरएनआई) हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर पूरा उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत भीषण गर्मी और लू की चपेट में है। राजस्थान के श्रीगंगानगर में तो पारा 47.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है, राज्य के कई स्थानों पर भी तापमान 45 डिग्री से ऊपर बना हुआ है। अभी चार दिनों तक ऐसे ही हालात बने रहने की संभावना है। उसके बाद दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रभाव से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले 3 दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के कई स्थानों पर 11 जून तक लू चलने की संभावना है और 09 जून को इसका असर बहुत गंभीर हो सकता है। रविवार को भी बीकानेर, बाड़मेर, चुरू, फलौदी, जैसलमेर और कोटा में 45-46 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान दर्ज किया गया। अगले हफ्ते भी पारा के 45-47 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। बीकानेर मंडल और आसपास के क्षेत्रों में 8 और 10 जून को 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से गर्म हवा चल सकती है।
आईएमडी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्रों में सोमवार को धूल भरी हवाएं चलने की संभावना है। रविवार को भीषण गर्मी महसूस की गई और दिल्ली में अधिकतम तापमान औसत से 2.1 डिग्री ऊपर 42.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 27.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सोमवार को तेज सतही हवाएं चलने की संभावना है और अधिकतम तापमान 43 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28 सेल्सियस के आसपास रह सकता है। शाम 5:30 बजे सापेक्ष आर्द्रता 31 प्रतिशत दर्ज की गई और हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। हरियाणा के रोहतक व सिरसा में पारा 45 डिग्री को पार कर गया है और लू के थपेड़ों से लोग परेशान हैं। 9 जून को भीषण गर्मी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
जम्मू-कश्मीर के मैदानी इलाकों में भी भीषम गर्मी पड़ रही है और लू चल रही है। जम्मू में पारा 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में दिन का पारा सामान्य से 3 से 6 डिग्री ऊपर चल रहा है। सड़कें सूनी पड़ने के साथ ही बाजारों से रौनक गायब है। गर्म हवाओं से जनजीवन प्रभावित है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के अनुसार आगामी दिनों में गर्मी से राहत नहीं मिलेगी और लू के साथ दिक्कतें और बढ़ेंगी। मैदानी इलाकों में लू चलने की चेतावनी भी जारी की है। कश्मीर में भी तपिश बढ़ी है। राजधानी श्रीनगर मेंअधिकतम तापमान सामान्य से 3.9 डिग्री चढ़कर 31.9 और न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। विश्व विख्यात पर्यटन स्थल पहलगाम में अधिकतम तापमान 27.8 और गुलमर्ग में 22.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदा से प्रभावित उत्तरी सिक्किम के चातेन से और 48 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें तीन बच्चे और 20 सैन्यकर्मी भी शामिल हैं। राज्य में सड़के बंद होने से लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग में जगह-जगह फंसे लगभग 2,000 लोगों को अब तक निकाला जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि रास्ते बंद होने से चातेन में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, टैक्सी ड्राइवर और सैन्यकर्मी फंस गए थे। इन लोगों ने राज्य सरकार से वहां से निकालने की अपील की। इसके बाद राज्य सरकार ने एमआई-17 हेलिकॉप्टर किराए पर लिया और रविवार को 48 लोगों को सुरक्षित पाकयोंग के ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे पर लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि 1 जून को भूस्खलन की चपेट में सेना के शिविर के आने के बाद से लापता चह सैन्यकर्मियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। उनकी तलाश चल रही है। इस हादसे में तीन सैनिकों की मौत हो गई थी।
असम में बाढ़ की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। तीन लोगों की और मौत होने से मृतकों की संख्या 26 हो गई है। राज्य में अब बाढ़ से अभी भी 11 जिलों के 741 गांव और 2.59 लाख लोग प्रभावित हैं। ब्रह्मपुत्र समेत सभी प्रमुख नदियों का जल स्तर कम हो रहा है। हालांकि, अभी भी ब्रह्मपुत्र समेत कई नदियों कुछ जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जल स्तर बढ़ने से ब्रह्मपुत्र में पिछले सप्ताह से ही फेरी सेवा बंद कर दी गई है। 100 राहत शिविरों में 24,000 से अधिक लोगों ने शरण ली है। 6,311 हेक्टेयर क्षेत्र में अभी भी खड़ी फसलें पानी में डूबी हुई हैं।
आईएमडी ने बताया कि देश में 1901 के बाद इस साल मई का महीना सबसे अधिक वर्षा वाला महीना के रूप में दर्ज किया गया और इस महीने औसत 126.7 मिमी वर्षा हुई है। आईएमडी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, मई 2025 में देश स्तर में 126.7 मिमी और मध्य भारत में 100.9 मिमी औसत मासिक वर्षा दर्ज की गई है जो 1901 के बाद से सबसे अधिक है। 126.7 मिमी बारिश दीर्घावधि औसत (एलपीए) 61.4 मिमी से 106 प्रतिशत अधिक है।
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