मेवाणी का केंद्र पर हमला: "अमेरिकी दबाव में हुआ संघर्ष विराम, सरकार बताए शर्तें"
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम ताकत से नहीं, बल्कि अमेरिकी दबाव के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि बार-बार अमेरिका के दावे के बाद भी सरकार चुप क्यों है। सरकार को बताना चाहिए कि संघर्ष विराम की शर्तें क्या थीं।

नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने शनिवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि संघर्ष विराम ताकत की वजह से नहीं, बल्कि अमेरिकी दबाव के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि संघर्ष विराम की शर्तें क्या थीं।
मेवाणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अमेरिकी प्रभाव में पीछे हटने का आरोप लगाया। उन्होंने पूछा कि शेष आतंकवादी क्यों नहीं पकड़े गए। मेवाणी ने कहा, 'सरकार ने एक महीना पहले ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और दावा किया कि उन्होंने एक आतंकवादी को पकड़ा है। प्रधानमंत्री 56 इंच के सीने का दावा करते हैं, और कहते हैं कि भारत विश्व गुरु है। हमारी रगों में सिंदूर बहता है। तो फिर बाकी चार आतंकवादी अब तक क्यों नहीं पकड़े गए? पीएम मोदी देश को यह क्यों नहीं बताते कि संघर्ष विराम किन शर्तों पर हुआ?'
कांग्रेस नेता मेवाणी ने यह भी आरोप लगाया कि एक समय ऐसा भी था, जब भारत मजबूत स्थिति में था। लेकिन फिर अमेरिका ने दखल दिया। उसने पाकिस्तान पर दबाव डाला और हमारी सरकार पीछे हट गई। उन्होंने पूछा कि संघर्ष विराम क्यों हुआ? उसकी शर्तें क्या थीं? कांग्रेस नेता ने कहा कि पीएम मोदी को लोगों को यह बताना चाहिए।
कांग्रेस नेता मेवाणी ने प्रधानमंत्री मोदी को सीधे चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मैं पीएम मोदी को चुनौती देता हूं कि वह घर-घर जाकर सिंदूर बांटने के बजाय, 15 अगस्त से पहले बाकी चार आतंकवादियों को पकड़ें।
कांग्रेस नेता मेवाणी ने विदेशी प्रभाव की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस पूरे मामले पर लगातार बयान दे रहा है। अमेरिका ने दावा किया है कि अगर उन्होंने इसके लिए कहा होता तो व्यापार बंद हो जाता। ये आधिकारिक बयान हैं। उन्होंने पूछा कि अमेरिका के बार-बार दावे के बाद भी भारत चुप क्यों है? भारत और पाकिस्तान के बीच मामले में अमेरिका शर्तें क्यों तय कर रहा है?
इससे पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ऑपरेशन सिंदूर में अमेरिका की मध्यस्थता को लेकर भाजपा सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बात मान ली, जबकि 1971 के युद्ध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अमेरिका के सामने झुकने से इनकार कर दिया था। राहुल गांधी का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बार-बार किए दावों के बाद आया, जिसमें ट्रंप कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता को रोका है।
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