पूर्वोत्तर में बाढ़: भूस्खलन प्रभावित 44 पर्यटकों को बचाया, असम के 16 जिलों में 4.43 लाख अब भी प्रभावित

उत्तरी सिक्किम के चातेन में फंसे सभी 44 लोगों को सेना और NDRF ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया है, जबकि 6 लोग अब भी लापता हैं। असम में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है, अब 16 जिले प्रभावित हैं और 4.43 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं। अब तक 21 लोगों की मौत हो चुकी है। राहत कार्य जारी है।

Jun 7, 2025 - 10:51
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पूर्वोत्तर में बाढ़: भूस्खलन प्रभावित 44 पर्यटकों को बचाया, असम के 16 जिलों में 4.43 लाख अब भी प्रभावित

नई दिल्ली (आरएनआई) उत्तरी सिक्किम के भूस्खलन प्रभावित चातेन में फंसे और 44 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसके साथ ही पिछले लगभग एक हफ्ते से फंसे सभी लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। हालांकि, 1 जून को सैन्य शिविर के भूस्खलन की चपेट में आने के बाद से लापता छह लोगों का अभी कुछ पता नहीं चला है और उनकी तलाश चल रही है। वहीं, असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति में कुछ सुधार आ रहा है। बाढ़ से प्रभावित जिलों की संख्या 22 से घटकर 16 रह गई और प्रभावितों की संख्या भी सात लाख से कम होकर पांच लाख से नीचे आ गई है।

गंगटोक में शुक्रवार को अधिकारियों ने बताया कि चातेन में फंसे लोगों को निकालने के लिए सुबह सेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टर से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम को भेजा गया था। बचाव टीम क्षेत्र में तैनात सैन्यकर्मियों के लिए रसत सामग्री और बचाव कार्य में काम आने वाले कुछ उपकरण भी लेकर गई थी। कई शॉर्टी के जरिये सभी 44 लोगों को पाकयोंग स्थित ग्रीनफील्ड हवाईअड्डा लाया गया, जहां से बस से गंगटोक लाया जाएगा। शुक्रवार को चातेन से निकाले गए लोगों में 17 स्थानीय भी थे। बृहस्पतिवार को 63 लोगों को सुरक्षित निकाला गया था।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि राज्य में बाढ़ से अभी भी 16 जिलों में 4.43 लाख से अधिक प्रभावित हैं। लगभग 1,296 गांव अभी भी बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं। बारिश, बाढ़, भूस्खलन और डूबने से अब तक 21 लोगों की जान जा चुकी है। श्रीमूमि, गोलाघाट, डिब्रूगढ़, सोनीतपुर, धेमाजी, माजुली, दरांग, तिनसुकिया और जोरहाट जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 328 राहत शिविर बनाए गए हैं और 40,313 लाख से अधिक लोग शिविरों में शरण लिए हुए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल और आपात सेवा, सिविल डिफेंस और अन्य प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को राहत और बचाव कार्यों में लगाया गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित बराक घाटी के राहत शिविरों का दौरा किया। बाढ़ पीड़ितों से बातचीत की और उन्हें पुनर्वास राहत देने का आश्वासन दिया।

अरुणाचल प्रदेश में भी बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार आया है। ज्यादातर नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं। राज्य में इस साल अब तक बाढ़ और बारिश से 12 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि एक व्यक्ति लापता है। 24 जिलों में 215 गांव और 33 हजार से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे, लेकिन अब स्थिति में सुधार के बाद इन्हें भी राहत मिली है।

मिजोरम में भारी बारिश के चलते पानी आपूर्ति करने वाली पाइपलाइनों और पंपिंग स्टेशनों को भारी नुकसान पहुंचा है। राज्य सरकार ने लोगों से पानी बचाने की अपील की है। राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग ने कहा है कि आइजल को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि राज्य की राजधानी के प्राथमिक जल स्रोत त्लावंग नदी में अत्यधिक गंदगी और बाढ़ के कारण पानी को पंप नहीं किया जा रहा है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 769 स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। राज्य में अब तक पांच लोगों की मौत हुई है।

पूर्वोत्तर में जहां बाढ़ और बारिश से लोग परेशान हैं, वहीं राजस्थान में गर्मी और उमस ने लोगों की जीना मुहाल कर दिया है। मौसम विभाग ने अभी चार-दिनों तक तापमान में वृद्धि की संभावना जताई है। हालांकि, इस दौरान कोटा और उदयपुर संभाग में कुछ स्थानों पर आंधी-तूफान और गरज के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है। पश्चिमोत्तर राजस्थान में 8 से 10 जून तक पारा 45-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।

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