नकली नोट मामले में बुल्गारियाई युवक को जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, कहा- इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान
बुल्गारियाई युवक रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव को 21 जून 2023 को गिरफ्तार किया गया था। वह गुरुग्राम के पालम विहार में यूनिट लगाकर धड़ल्ले से नकली नोट छाप रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी युवक की जमानत याचिका खारिज कर दी।

नई दिल्ली (आरएनआई) सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में नकली नोट छापने का रैकेट चलाने के मामले में आरोपी बुल्गारियाई युवक को जमानत देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी कार्रवाईयों से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचता है। बुल्गारियाई युवक रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव को 21 जून 2023 को गिरफ्तार किया गया था। वह गुरुग्राम के पालम विहार में यूनिट लगाकर धड़ल्ले से नकली नोट छाप रहा था। साथ ही दिल्ली व गुरुग्राम में 70 लाख रुपये से ज्यादा के नकली नोट खपा चुका था।
आरोपी युवक ने सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति प्रसन्ना बी वराले की पीठ जमानत की याचिका से सहमत नहीं हुई। पीठ ने कहा कि ऐसे कृत्य अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण तत्वों को नष्ट कर देते हैं। विदेशी नागरिक को आठ लाख रुपये के जाली नोटों के साथ पकड़ा गया था। इस मामले में जमानत नहीं दी जा सकती।
इससे पहले 12 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट ने बुल्गारियाई युवक रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि मेटोडीव जालसाजी में शामिल था। डिजिटल और फॉरेंसिक साक्ष्य, एसएसडी से बरामद वीडियो फाइल आरोपों को साबित कर रहे थे।
हाईकोर्ट ने कहा था कि मामला केवल आवेदक से एफआईसीएन की बरामदगी पर आधारित नहीं है, बल्कि जांच के दौरान उसके निवास से जब्त की गई अन्य सामग्री से भी इसकी पुष्टि होती है। आवेदक एक विदेशी नागरिक है और उसका पासपोर्ट पहले ही समाप्त हो चुका है। हालांकि उसने नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है, लेकिन इसकी स्थिति अभी भी लंबित है। उसके खिलाफ आरोपों की गंभीर प्रकृति और दोषी पाए जाने पर लंबी सजा की संभावना को देखते हुए यह साफ है कि आवेदक जमानत पर रिहा होने पर फरार हो सकता है।
रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव सोफिया (बुल्गारिया) का स्थायी निवासी है। बुल्गारिया में अपनी स्कूली शिक्षा के बाद वह 1996 में बुल्गारियाई सेना में शामिल हो गया और 6 वर्ष तक वहां सेवा की। 2018 में व्यवसाय की संभावना तलाशने के लिए भारत में गोवा का दौरा किया। 2019 में रुसलान फिर भारत आया और डोनट्स का बिजनेस शुरू किया, लेकिन कारोबार अच्छा नहीं चला। इसके बाद ये जालसाजी के गोरखधंधे में शामिल हो गया था।
आरोपी रुस्लान पेत्रोव मेटोडीव ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह नकली नोट छापने वाले एक बड़े अंतरराष्ट्रीय रैकेट का हिस्सा था। वह पहली बार 2018 में भारत आया था। इसके बाद 2019 में फिर से भारत आया। यहां पर तुगलक रोड थाना पुलिस ने उसे जालसाजी के मामले में गिरफ्तार किया था। जनवरी 2021 में जमानत पर रिहा कर दिया गया। जेल में रहने के दौरान वह नकली नोट छापने व तस्करी करने वाले अपराधियों के संपर्क में आया। इसके बाद नकली नोट छापने लगा। आरोपी ने यूट्यूब पर नकली नोट छापने की तकनीक सीखी थी।
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