गेटवे ऑफ इंडिया के पास जेटी परियोजना के निर्माण पर नहीं लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास जेटी और टर्मिनल सुविधा परियेाजना के निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट इस याचिका पर जल्द फैसला करे।

नई दिल्ली (आरएनआई) मुंबई में गेटवे ऑफ इंडिया के पास चल रहे जेटी और टर्मिनल सुविधा परियेाजना के निर्माण पर रोक नहीं लगेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है। हाईकोर्ट ने भी निर्माण कार्य पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय इस मामले पर विचार कर रहा है और इस पर 16 जून को सुनवाई होगी। सीजेआई ने कहा कि शहर के लिए कुछ अच्छा हो रहा है। हर कोई तटीय सड़क का विरोध करता है। अब आप देख सकते हैं कि तटीय सड़क का क्या लाभ है? दक्षिण मुंबई से एक व्यक्ति 40 मिनट में वर्सोवा पहुंच सकता है। पहले इसमें तीन घंटे लगते थे।
पीठ ने जानना चाहा कि क्या प्राधिकारियों को परियोजना के लिए आवश्यक मंजूरी मिल गई है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने परियोजना के लिए ली गई सात अनुमतियों का उल्लेख किया।
याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि परियोजना दो वर्षों के भीतर पूरी की जानी है। यह परियोजना केवल समाज के एक विशेष वर्ग के लाभ के लिए बनाई जा रही है और यह बिना किसी जन सुनवाई और बिना किसी मंजूरी के बनाई जा रही है। योजना को 2025 तक आगे बढ़ा दिया गया।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह तो ऐसा है जैसे मेरे घर के सामने का हिस्सा ही नहीं है। जैसे हर कोई सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट चाहता है, लेकिन हर कोई कहता है कि मेरे घर के पीछे नहीं। पीठ ने कहा कि हम इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए इच्छुक नहीं है, क्योंकि उच्च न्यायालय पहले ही इस मामले पर विचार कर रहा है। पीठ ने उच्च न्यायालय से कहा कि वह इस मामले को अपने हाथ में ले और यथाशीघ्र इसका निर्णय करे।
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