मणिपुर में अराम्बाई तेंगगोल के सदस्य की गिरफ्तारी पर जमकर बवाल; कई इलाकों में हिंसा, निषेधाज्ञा लागू
पिछले दो सालों से हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में एक बार फिर से बवाल मचा हुआ है। इस बार अरम्बाई तेंगगोल के सदस्य कनन सिंह की गिरफ्तारी के बार कई इलाकों में जमकर हिंसा की गई हैं और कनन सिंह के रिहाई की मांग की गई है। वहीं इस हिंसा को देखते हुए प्रभावित इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

इंफाल (आरएनआई) सीबीआई ने रविवार को मणिपुर के इंफाल एयरपोर्ट से मैतेई संगठन अरम्बाई तेंगगोल (एटी) के एक कार्यकर्ता कनन सिंह को गिरफ्तार किया। उस पर 2023 के मणिपुर जातीय हिंसा से जुड़े कई आपराधिक मामलों में शामिल होने का आरोप है। इस गिरफ्तारी के बाद कनन सिंह को तुरंत गुवाहाटी ले जाया गया, जहां उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस रिमांड मांगी जाएगी। मामले में सीबीआई ने बताया कि गिरफ्तारी की सूचना उनके परिवार को दे दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मणिपुर हिंसा के मामलों की जांच सीबीआई कर रही है। सुरक्षा कारणों से इन मामलों की सुनवाई मणिपुर से हटाकर गुवाहाटी ट्रांसफर कर दी गई है। वहीं कनन सिंह की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही इंफाल शहर में तनाव फैल गया। प्रशासन ने इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थौबल, बिष्णुपुर और ककचिंग जिलों में धारा 144 लागू कर दी है। इसके साथ ही इंटरनेट, मोबाइल डेटा, वीएसएटी और वीपीएन सेवाएं भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।
शनिवार रात प्रदर्शनकारियों ने क्वाकैथेल और उरीपोक इलाकों में टायर और पुराना फर्नीचर जलाकर सड़कें जाम कीं। कई जगहों पर सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़पें भी हुईं। इंफाल ईस्ट के खुरई लामलोंग इलाके में एक भीड़ ने एक बस को आग के हवाले कर दिया।
मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच हुई जातीय हिंसा में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के 9 फरवरी 2024 को इस्तीफा देने के बाद केंद्र सरकार ने 13 फरवरी 2024 को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
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