विशिष्ट सेवा सम्मान-परम विशिष्ट सेवा सम्मान से नवाजे गए 92 सैन्य अधिकारी; राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डिफेंस इन्वेस्टिचर सेरेमनी 2025 में सेना, कोस्ट गार्ड और बीआरओ के 92 अधिकारियों को सम्मानित किया। इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल कटियार सेठ को पीवीएसएम, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को यूवाईएसएम और गणतंत्र दिवस परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश को एवीएसएम मेडल से सम्मानित किया गया।

नई दिल्ली (आरएनआई) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित डिफेंस इन्वेस्टिचर सेरेमनी 2025 (फेज-2) के दौरान सशस्त्र बलों, भारतीय तटरक्षक बल और सीमा सड़क संगठन के 92 अधिकारियों और जवानों को उनके असाधारण सेवा कार्यों के लिए सम्मानित किया। इस समारोह में भारतीय सेना की वेस्टर्न कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार और सदर्न कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ को देश के उच्चतम शांति कालीन सैन्य सम्मान परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम) से नवाजा गया।
इनके अलावा हाल ही में अंडमान और निकोबार कमांड के प्रमुख बने लेफ्टिनेंट जनरल दिनेश सिंह राणा, ले. जनरल अमरदीप सिंह औजला, एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी, एयर मार्शल नागेश कपूर को भी विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम) से नवाजा गया। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चर्चा में रहे ले. जनरल राजीव घई को उत्तम युद्ध सेवा मेडल (यूवाईएसएम) से नवाजा गया। यह मेडल ऑपरेशन या युद्ध के समय बेहतर काम करने वालों को दिया जाता है।
अगर अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) मेडल की करें तो इस बार ये मेडल लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार को मिला। लेफ्टिनेंट कुमार 2025 की गणतंत्र दिवस परेड के कमांडर थे। बता दें कि यह मेडल भी बहुत अहम होता है और बेहतरीन सेवा के लिए दिया जाता है।
अब बात अगर इस समारोह में मेडल पाने वाले सभी अधिकारियों की करें तो, कुल मिलाकर 30 अधिकारियों को परम विशिष्ट सेवा मेडल (पीवीएसएम) दिया गया। वहीं पांच अधिकारियों को उत्तम युद्ध सेवा मेडल (यूवाईएमएम) दिया गया, जबकि कुल 57 अधिकारियों को अति विशिष्ट सेवा मेडल (एवीएसएम) से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति द्वारा सेना के अधिकारियों को मिले सम्मान के बाद रक्षा मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सैनिकों का मनोबल बढ़ाया। जहां रक्षा मंत्रालय ने लिखा कि यह सम्मान हमारे जवानों की बहादुरी, समर्पण और कड़ी मेहनत को सलाम करने का तरीका है। यह पदक सिर्फ सम्मान नहीं हैं, बल्कि उनके त्याग और देशभक्ति की पहचान हैं।
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