सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हुई, तीन जजों ने ली शपथ; अब कोई भी पद रिक्त नहीं

नई दिल्ली (आरएनआई) भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने शुक्रवार को जस्टिस एनवी अंजारिया, जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस एएस चंदुरकर को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ दिलाई। सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में आयोजित एक समारोह में जजों को शपथ दिलाई। जजों के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई समेत जजों की संख्या 34 हो गई।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सोमवार को कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अंजारिया, गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बिश्नोई और बॉम्बे हाईकोर्ट के जज जस्टिस चंदुरकर को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 10 तारीख को उनकी नियुक्ति की घोषणा कर दी थी। पूर्व सीजेआई संजीव खन्ना और जस्टिस अभय एस. ओका और हृषिकेश रॉय के सेवानिवृत्त होने के बाद शीर्ष अदालत में जजों के तीन मौजूदा रिक्त पदों के लिए उनके नामों की सिफारिश की गई थी।
न्यायमूर्ति अंजारिया ने 25 फरवरी, 2024 को कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले उन्हें 21 नवंबर, 2011 को गुजरात हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। 6 सितंबर, 2013 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में उनके नाम पर मुहर लगी थी। 23 मार्च, 1965 को अहमदाबाद में जन्मे न्यायमूर्ति अंजारिया ने 1989 में यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ, अहमदाबाद से कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उन्होंने अगस्त 1988 से गुजरात हाईकोर्ट में वकालत शुरू की। उन्होंने संवैधानिक मुद्दों और सभी श्रेणियों के दीवानी मामलों, श्रम और सेवा से जुड़े मामलों का संचालन किया।
न्यायमूर्ति बिश्नोई ने 5 फरवरी, 2024 को गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्हें 8 जनवरी, 2013 को राजस्थान हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। 7 जनवरी, 2015 को उन्होंने हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। 26 मार्च, 1964 को जोधपुर में जन्मे न्यायमूर्ति बिश्नोई 8 जुलाई, 1989 को अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए। उन्होंने राजस्थान हाईकोर्ट और जोधपुर में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण में वकालत की।
7 अप्रैल, 1965 को जन्मे न्यायमूर्ति चंदुरकर कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद 21 जुलाई, 1988 को बार में शामिल हुए। न्यायमूर्ति चंदुरकर 1992 में नागपुर चले गए और विभिन्न न्यायालयों में वकालत की। उन्हें 21 जून, 2013 को बॉम्बे उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया।
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