67.84 करोड़ रुपए की राहत केवल माफी नहीं बल्कि अनुसूचित जाति समुदाय के परिवारों के संघर्ष के प्रति सम्मान की अभिव्यक्ति है: मुख्यमंत्री
कर्ज वापस लेकर सम्मान बहाल किया, ‘आप’ सरकार ने अनुसूचित जाति समुदाय के जीवन स्तर को सुधारने के लिए एक नया अध्याय लिखा अब किसी का शोषण नहीं बल्कि समानता और अधिक अधिकार दिए जा रहे हैं- मान सरकार ने डॉ. अंबेडकर के सपनों को हकीकत में बदला (सुरेश रहेजा, परवीन कुमार, चंद्र मोहन, साहिल रहेजा)

अमृतसर (आरएनआई) मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज कहा कि पंजाब सरकार राज्य के कमजोर और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए पूरी ईमानदारी से लगी हुई है और इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
आज यहां लाभार्थियों को कर्ज माफी प्रमाण पत्र सौंपने के लिए आयोजित समारोह के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आम आदमी को और अधिक सशक्त बनाने के लिए मिशनरी भावना से लोगों की सेवा कर रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंद और पिछड़े वर्गों की मदद के लिए अपनी कलम चला रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों का अधिक से अधिक कल्याण सुनिश्चित कर रही है ताकि समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें अमीर लोगों के कर्ज माफ करती थीं जबकि गरीब लोगों के कल्याण की कोई परवाह नहीं की जाती थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार राज्य के पिछड़े और कमजोर वर्गों को यह राहत मिली है। उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि पहली बार राज्य का बजट आम आदमी के कल्याण के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सरकारी खजाने का एक-एक पैसा जन कल्याण पर खर्च कर रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है क्योंकि इससे कमजोर और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए नए रास्ते खुलते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा हर व्यक्ति की सफलता की कुंजी है और राज्य के हर युवा को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार के पास राज्य में शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान ऐसे लोक कल्याण और खुशी के काम बहुत कम होते थे। उन्होंने कहा कि अब एक नया युग शुरू हुआ है जब सरकार हर दिन नई परियोजनाएं जनता को समर्पित कर रही है और युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह ‘रंगला पंजाब’ की एक झलक है और राज्य सरकार अब ऐसे खुशी के आयोजनों के माध्यम से लोगों की सुविधा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 67.84 करोड़ रुपये की कर्ज माफी से लगभग 4800 परिवारों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास और वित्त निगम (PSCFC) द्वारा 31 मार्च, 2020 तक वितरित किए गए ऋणों का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि यह माफी उपरोक्त तिथि तक PSCFC द्वारा वितरित सभी ऋणों के लिए है, जिससे अनुसूचित जाति समुदाय और दिव्यांग श्रेणी से संबंधित उधारकर्ताओं को बहुत जरूरी राहत मिली है। इस कदम से कुल 4,727 उधारकर्ताओं को कुल 67.84 करोड़ रुपये का लाभ होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 4,685 डिफॉल्टर और 42 नियमित उधारकर्ताओं सहित कुल 4,727 उधारकर्ता इस ऋण माफी योजना के तहत आएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘अनापत्ति प्रमाण पत्र’ जारी किए जाएंगे। प्रवक्ता ने आगे कहा कि 30 अप्रैल, 2025 तक की गणना की गई मूल राशि, ब्याज और दंड ब्याज सहित 67.84 करोड़ रुपये की पूरी राशि राज्य सरकार द्वारा पीएससीएफसी को वापस कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि जिन उधारकर्ताओं ने पहले ही ऋण माफी योजनाओं का लाभ उठाया है, उन्हें भी इस माफी योजना का लाभ उठाने के लिए योग्य माना जाएगा। उन्होंने कहा कि ऋण माफी के बाद, पीएससीएफसी नियमों के तहत वसूली के लिए उधारकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनके खाते कट-ऑफ तिथि तक पूरी तरह से निपटाए गए माने जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, अनुसूचित जाति समुदाय पंजाब की कुल आबादी का 31.94 प्रतिशत है। इस समुदाय के कई सदस्यों ने अपनी आर्थिक उन्नति के उद्देश्य से स्वरोजगार उद्यम स्थापित करने के लिए पीएससीएफसी से ऋण लिया था। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ उधारकर्ता अपने नियंत्रण से बाहर की परिस्थितियों के कारण ऋण चुकाने में असमर्थ रहे हैं, जिसके कारण वे चूक गए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस माफी योजना के कार्यान्वयन से अनुसूचित जाति समुदाय और दिव्यांग श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के 4,727 लाभार्थियों को 67.84 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी, जिसमें मूल राशि के रूप में 30.02 करोड़ रुपये, ब्याज के रूप में 22.95 करोड़ रुपये और दंड ब्याज के रूप में 14.87 करोड़ रुपये (30 अप्रैल, 2025 तक की गणना) शामिल हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की इस पहल से उन्हें अपना सम्मान बहाल करने और समाज में सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कर्ज माफी योजना के तहत लाभार्थी अपने परिवारों की सहायता के लिए नए उद्यमों के लिए मुक्त वित्तीय संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि कर्ज माफी से पीएससीएफसी भविष्य में अनुसूचित जातियों के अन्य पात्र व्यक्तियों को नए कर्ज प्रदान करने में भी सक्षम होगी। उन्होंने कहा कि यह योजना केवल कर्ज माफी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि समुदाय की गरिमा को बहाल करने, न्याय प्रदान करने और एक नई शुरुआत करने के अवसर भी प्रदान करती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कदम उन परिवारों के लिए राहत और सम्मान की जिंदगी जीने की नई शुरुआत लेकर आया है जो दशकों से कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परिवार घर के कमाने वाले की मौत, लंबी बीमारी के कारण सारी बचत खत्म हो जाने या आय का कोई अन्य स्रोत न होने जैसी परिस्थितियों के कारण अपना कर्ज नहीं चुका पाए थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का मानना है कि ऐसे लोगों से यह कर्ज वसूलना पूरी तरह से अनुचित है, जिसके चलते कर्ज माफ करने का फैसला किया गया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे सिर्फ वादे नहीं करते बल्कि उन्हें पूरा भी करते हैं, जबकि पिछली सरकारों ने अनुसूचित जाति समुदाय को सिर्फ वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि आप सरकार अनुसूचित जाति समुदाय के परिवारों के दुख-दर्द को समझती है और उन्हें हमेशा समानता, बनता हक और सम्मान दिया है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, डॉ. बलजीत कौर, हरभजन सिंह ईटीओ, लाल चंद कटारूचक्क और कुलदीप सिंह धालीवाल के अलावा अन्य शख्सियतें उपस्थित रहें।
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