IMD ने मानसून पर दिया बड़ा अपडेट, 5 जून तक बारिश की चेतावनी; पूर्वोत्तर से दक्षिण भारत तक प्रभावित
मौसम विभाग ने पांच जून तक बारिश की चेतावनी दी है। IMD ने आगाह किया और कहा कि आने वाले कुछ दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल मानसून की गति धीमी पड़ गई है, लेकिन 11 जून से देश के बाकी हिस्सों में पकड़ेगा फिर तेजी पकड़ लेगा। पूर्वोत्तर से दक्षिण भारत तक मानसूनी बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बिगड़े हालात में लाखों लोगों के घरों में जलभराव हुए हैं।

नई दिल्ली (आरएनआई) दक्षिण-पश्चिम मानसून समय से लगभग आठ दिन पहले आने के बाद ठिठक गया है। अब इसके 11 जून से फिर गति पकड़ने की उम्मीद है। इस बीच, जहां तक मानसून पहुंचा है वहां भारी बारिश हो रही है। इनमें दक्षिण भारत के केरल और आंध्र प्रदेश समेत पूर्वोत्तर के सभी राज्य शामिल हैं। पूर्वोत्तर में खासतौर पर ज्यादा नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग के मुताबिक 5 जून तक पूर्वोत्तर में बारिश जारी रहने की संभावना जताई है। इससे स्थिति के और खराब होने की आशंका है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पुणे कार्यालय के वैज्ञानिक एसडी सनप ने कहा कि अगले कुछ दिनों में मानसून की बारिश कम होगी, लेकिन 11-12 जून से मानसून मजबूत होगा और देश के बाकी हिस्सों में भी बारिश होने लगेगी। केरल में मानसून की शुरुआत 24 मई को हुई और इसने अपने सामान्य समय से पहले ही दक्षिणी, पूर्वोत्तर और पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों को कवर कर लिया, लेकिन पिछले कुछ दिनों से इसकी प्रगति रुकी हुई है।
आईएमडी के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि 11 जून के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक मौसमी प्रणाली विकसित होने की संभावना है, जो मानसून को मजबूत करेगी और देश के उत्तरी भागों में इसके आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करेगी। गर्मियों की बारिश आमतौर पर केरल में 1 जून के आसपास होती है और जुलाई के मध्य तक पूरे देश में फैल जाती है, जिससे किसान चावल, मक्का, कपास, सोयाबीन और गन्ना जैसी फसलें बो सकते हैं।
मानसून ने समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र को कवर कर लिया है और वहां पिछले चार-पांच दिनों से भारी बारिश हो रही है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर मिजोरम समेत सभी राज्यों में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। मिजोरम में बारिश के चलते सोमवार को सभी स्कूलों को बंद रखा गया। मणिपुर में घरों, कार्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों और इंफाल स्थित आकाशवाणी के परिसर समेत विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के परिसरों में पानी भर गया है। इंफाल में जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (जेनिम्स) के परिसर में पानी भर गया है। फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ ने संयुक्त अभियान चलाकर 37 मरीजों को सुरक्षित निकाला।
असम व मणिपुर में बाढ़ और बारिश से 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मणिपुर में 3,365 घरों को नुकसान पहुंचा है। असम के 22 जिले बाढ़ में डूबे हैं। ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 15 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। राज्य में 12,610 हेक्टेयर क्षेत्र में लगीं फसलें पानी में डूब गई हैं।
मूसलाधार मानसूनी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्यों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। असम में बाढ़ और बारिश से जुड़े हादसों में अब तक 11 और अरुणाचल में 10 लोगों की जान जा चुकी है। लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। तीन हजार से अधिक घरों को भी नुकसान पहुंचा है। हजारों लोग राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं। राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत विभिन्न एजेंसियों को लगाया गया है।
सिक्किम के मंगन जिले के लाचेन कस्बे के पास रविवार शाम सात बजे भूस्खलन हुआ। मूसलाधार बारिश के चलते पहाड़ भरभराकर टूटा और उसका मलबा सैन्य शिविर पर जा गिरा। हादसे में बलिदान हुए जवानों की पहचान हवलदार लखविंदर सिंह, लांसनायक मुनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लकड़ा के रूप में हुई है। चार जवानों को बचा लिया गया है, जबकि एक अधिकारी और उनके परिवार सहित छह लोग लापता हैं। इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल प्रीतपाल संधू (जीएसओ-I), उनकी पत्नी स्क्वाड्रन लीडर आरती बी संधू (सेवानिवृत्त), बेटी अमायरा संधू, सूबेदार धर्मवीर, जवान सइनुद्दीन पीके और सुनीलाल मुचाहरी शामिल हैं। सभी की तलाश चल रही है।
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