केरल में बकरीद की छुट्टी पर सियासी बवाल: IUML ने विजयन सरकार को घेरा, कहा- सांप्रदायिक एजेंडे पर कर रहे काम
केरल सरकार ने पहले बकरीद पर शुक्रवार छह जून की छुट्टी घोषित की थी। बाद में खबर आई कि त्योहार सात जून को मनेगा तो सरकार ने कहा कि शनिवार सात जून को बकरीद के लिए सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इसे लेकर राज्य में सियासी बवाल मच गया।

तिरुवनंतपुरम (आरएनआई) केरल में बकरीद की छुट्टी बदलने पर सियासी बवाल मच गया है। राज्य सरकार ने बकरीद की छुट्टी छह जून से सात जून को करने का एलान किया। इसके बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने सीएम पी विजयन और राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडे पर काम करने और फासीवाद लागू करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
सरकार ने पहले बकरीद पर शुक्रवार छह जून की छुट्टी घोषित की थी। लेकिन जब खबर आई कि यह त्योहार सात जून को मनेगा तो केरल सरकार ने नई घोषणा की। इसमें कहा गया कि शनिवार सात जून को बकरीद के लिए सार्वजनिक अवकाश रहेगा। जबकि छह जून को नियमित कार्य दिवस रहेगा। सरकार के इस कदम की आईयूएमएल और कुछ मुस्लिम संगठनों ने निंदा की। इस पर सरकार ने गुरुवार रात को एलान किया कि शुक्रवार को व्यावसायिक कॉलेजों सहित सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।
आईयूएमएल ने कहा कि शुक्रवार को पहले ही सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था, लेकिन सरकार ने बिना किसी कारण के इसे रद्द कर दिया। आईयूएमएल के वरिष्ठ नेता पीएमए सलाम ने आरोप लगाया कि सरकार का यह कदम अल्पसंख्यक समुदाय को भड़काने वाला है।
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में भाजपा और संघ परिवार से भी अधिक सांप्रदायिकता और फासीवाद लागू करने का प्रयास कर रही है। सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया और कहा कि सरकार ने अवकाश बदलने में अनिच्छा दिखाई है। सरकार को सोचने और निर्णय लेने में थोड़ा समय लगा, क्योंकि महोत्सव के कार्यक्रम में बदलाव किया गया था।
शिवनकुट्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री से विचार-विमर्श के बाद गुरुवार शाम 7.30 बजे तक शुक्रवार को अवकाश घोषित कर दिया गया। इस पर किसी विरोध की जरूरत नहीं है। विपक्ष इस मामले पर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने विपक्ष पर मामूली मामलों का भी राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
माकपा नेता और नीलांबुर उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार एम स्वराज ने कहा कि ऐसे विवाद जवाब देने के भी लायक नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम समुदाय के त्योहार के अवसर पर अवकाश को लेकर विवाद 19 जून को होने वाले उपचुनाव अभियान को गुमराह करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि चुनाव आम तौर पर स्वस्थ और लोकतांत्रिक बहस, विकास और सरकार की नीतियों पर चर्चा करने का अवसर होता है, लेकिन विपक्ष शुरू से ही इसे गुमराह करने और इसमें सांप्रदायिक जहर घोलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कांग्रेस-यूडीएफ पर विवाद पैदा करने का भी आरोप लगाया।
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