CM स्टालिन बोले- राज्य के अधिकारों पर कोई समझौता नहीं, नीति आयोग की बैठक में भाग लेने का किया बचाव
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि उन्होंने नीति आयोग की बैठक में भारत की विकास योजनाओं पर चर्चा के लिए हिस्सा लिया और विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने बताया कि विपक्षी दल उनकी भागीदारी न होने पर सवाल उठाकर खुश होते थे। उन्होंने यह भी कहा कि द्रमुक सरकार राज्य के अधिकारों पर कभी समझौता नहीं करेगी।

चेन्नई (आरएनआई) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि उन्होंने नीति आयोग की बैठक में इसलिए हिस्सा लिया, क्योंकि यह भारत के भविष्य की विकास योजनाओं पर चर्चा के लिए थी। उन्होंने इसको लेकर विपक्षी दलों के आरोपों को खारिज किया। स्टालिन ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखे एक पत्र में कहा कि जैसे ही यह खबर सामने आई कि वह 24 मई को नीति आयोग की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, तो उनके राजनीतिक विरोधी घबरा गए और हमेशा की तरह आलोचना करने लगे।
उन्होंने कहा कि ऐसे राजनीतिक विरोधियों को पिछले वर्षों में आयोजित नीति आयोग की बैठक में उनकी भागीदारी न होने पर सवाल उठाकर खुशी मिलती थी। स्टालिन ने कहा कि विरोधियों ने यह आरोप भी लगाया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इसलिए मिल रहे हैं ताकि सरकारी शराब कंपनी (तमिलनाडु राज्य विपणन निगम) में कथित घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई से बच सकें।
स्टालिन ने कहा कि कोई और पार्टी इतनी बार सीबीआई और ईडी के निशाने पर नहीं आई जितनी द्रमुक आई है। लेकिन द्रमुक कानूनी तरीके से मुकाबला कर रही है, जबकि मुख्य विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक तो डरकर झुक गई। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब तमिलनाडु राज्य विपणन निगम में कथित गड़बड़ियों को लेकर प्राथमिकी अन्नाद्रमुक के शासन की हैं, तो उनकी पार्टी द्रमुक को ईडी की कार्रवाई के लिए कोई समझौता क्यों करना चाहिए?
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रविड़ मॉडल सरकार ने यह भी साबित किया है कि इस मामले में ईडी की कार्रवाई कानून के खिलाफ थी और सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाई गई रोक इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इतनी स्पष्ट बात के बावजूद विपक्षी दल सुधरने की बजाय बार-बार वही पुराने आरोप दोहराते रहेंगे।
स्टालिन ने आरोप लगाया कि अन्नाद्रमुक महासचिव ई.के. पलानीस्वामी ने केंद्रीय एजेंसियों की छापेमारी के बाद, जो उनके रिश्तेदारों और कारोबारी सहयोगियों के ठिकानों पर तमिलनाडु और कर्नाटक में हुई थी, अपनी पार्टी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने गिरवी रख दिया। विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए स्टालिन ने कहा कि चाहे समर्थन हो या विरोध, द्रमुक का रुख हमेशा मजबूत और अडिग रहा है और आगे भी रहेगा। यह बात खुद पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कही थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह जैसे अनुभवी राष्ट्रीय नेता भी द्रमुक की इस विशेषता से भली-भांति परिचित रहे हैं।
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