क्या है एलन मस्क का JUNK? कांग्रेस का आरोप- मोदी सरकार की 'सरेंडर' नीति से भारत के सामरिक हितों पर चोट
कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि उसकी सरेंडर की नीति ने भारत के राष्ट्रीय व सामरिक हितों को चोट पहुंचाई है। पवन खेड़ा ने एक प्रेसवार्ता में कहा, एक तरफ अमेरिका, पाकिस्तान के स्वामित्व वाले F-16 के रखरखाव के लिए पैसे दे रहा है। सामरिक विशेषज्ञों का कहना है कि F-16, F-35 की तुलना में हवाई लड़ाई में बेहतर हैं। यहां तक कि एलन मस्क ने भी उन्हें 'JUNK' कहा था।

नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार से तीखे सवाल किए हैं। पार्टी नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (AICC) के मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, राहुल गांधी की 'सरेंडर' बाबत की गई टिप्पणी, इस बात को स्पष्ट करती है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार भारत के राष्ट्रीय हितों को समर्पित किया है। खासतौर पर उन परिस्थितियों में, जब उन्हें अपेक्षित चतुराई और 'विश्वगुरु' का दर्जा दिखाने की आवश्यकता थी। खेड़ा ने इस बाबत कुछ स्पष्ट उदाहरण भी दिए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए 357 मिलियन डॉलर देने का फैसला किया।
भारतीय सेना ने रिकॉर्ड पर कहा है कि, हमारे पास यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए अमेरिका निर्मित F-16 लड़ाकू विमानों को तैनात किया था। अब ट्रंप ने भारत को F-35 बेचने का करारा झटका दिया है। सामरिक विशेषज्ञों का कहना है कि F-16, F-35 की तुलना में हवाई लड़ाई में बेहतर हैं। यहां तक कि एलन मस्क ने भी उन्हें 'JUNK' कहा था।
पवन खेड़ा ने बुधवार को एक प्रेसवार्ता में कहा, एक तरफ अमेरिका, पाकिस्तान के स्वामित्व वाले F-16 के रखरखाव के लिए पैसे दे रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बार-बार दावे - 21 दिनों में 11 - कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम के लिए हस्तक्षेप किया, यह दर्शाता है कि कैसे मोदी सरकार ने भारत के हितों को समर्पित किया। शिमला समझौते में भारत के लंबे समय से चले आ रहे रुख की अवहेलना की। भारत और पाकिस्तान को एक साथ रखा, यहां तक कि अमेरिका को 'तटस्थ स्थल' पर बातचीत करने की अनुमति दी। 23 मई को संयुक्त राज्य अमेरिका के वाणिज्य सचिव हॉवर्ड डब्ल्यू. लुटनिक ने संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय में एक हलफनामा दायर किया, जिसमें दावा किया गया कि यह युद्धविराम केवल राष्ट्रपति ट्रम्प के हस्तक्षेप के बाद ही प्राप्त हुआ है। दोनों देशों को पूर्ण पैमाने पर युद्ध को टालने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापार करने की पेशकश की। इस मामले में राष्ट्रपति की शक्ति को बाधित करने वाला एक प्रतिकूल निर्णय भारत और पाकिस्तान को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की पेशकश की वैधता पर सवाल उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जिससे पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और लाखों लोगों के जीवन को खतरा हो सकता है।
खेड़ा ने बताया, स्टील पर टैरिफ से लेकर टेस्ला द्वारा 'मेक इन इंडिया' में शामिल न होने तक, एलन मस्क को लुभाने के बावजूद, स्टारलिंक को प्राप्त करने से, जो राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं से जुड़ा है, पहले व्यापार सौदे पर बातचीत करने में सक्षम नहीं होने से, और ट्रम्प के आश्वासन के बावजूद, अमेरिका में कई उच्च-स्तरीय मंत्रिस्तरीय यात्राओं के बावजूद, चीन को पहले मिल गया। मोदी सरकार संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा उल्लिखित लाइन पर चलती दिख रही है, जिससे भारत के रणनीतिक हितों को खतरा है। हाल ही में अमेरिकी वाणिज्य सचिव द्वारा दिया गया बयान, जिसमें उन्होंने रूस से हथियार खरीदने की भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और BRICS में हमारी मौजूदगी की आलोचना की है। बहुचर्चित व्यापार सौदे पर ‘बाजार खोलने, मास्को से हथियारों की खरीद कम करने और BRICS के साथ अपने जुड़ाव को कम करने’ जैसी शर्तें रखी हैं। ये बातें यह सोचने के लिए पर्याप्त है कि मोदी सरकार की विनाशकारी विदेश नीति किस तरह आकार ले रही है।
30 नवंबर, 2024 को ट्रंप ने BRICS देशों पर 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। पीएम मोदी वहां बैठे थे और स्पष्ट रूप से मुस्कुरा रहे थे, जबकि ट्रंप ने ‘BRICS is dead’ घोषित कर दिया था! 6 साल में पहली बार भारत को G-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया है। भाजपा के इको सिस्टम और मीडिया के कुछ हिस्से इसे स्पिन करने में व्यस्त हैं। तथ्य यह है कि 2014 के बाद भी भारत को आमंत्रित किया गया था। इस बार, जब शिखर सम्मेलन की मेजबानी कनाडा कर रहा है, तो हमें आमंत्रित नहीं किया गया। इस सरकार की पूरी विदेश नीति भारत के सामरिक और आर्थिक हितों के बजाय एक व्यक्ति पर केंद्रित है।
हाल ही में चीन के वरिष्ठ नीति सलाहकार ने भारत को ब्रह्मपुत्र का पानी रोकने की धमकी देते हुए कहा, "दूसरों के साथ वैसा न करें जैसा आप अपने साथ नहीं चाहते। चीन ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध- "वाटर बम" भी बना रहा है, जिससे हमारी जल और पर्यावरण सुरक्षा खतरे में पड़ रही है। पिछले दो महीनों से चीन ने भारत को दुर्लभ मृदा सामग्री का आयात बंद कर दिया है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। चीन ने भारत के खिलाफ अपने हथियार मुहैया कराकर ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की मदद की। अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम बदलने में चीन आदतन अपराधी रहा है। इसने 21 अप्रैल, 2017 को 6 जगहों का नाम बदला, 30 दिसंबर, 2021 को 15 जगहों का नाम बदला, अगस्त 2023 में 11 जगहों का नाम बदला, अप्रैल 2024 में 30 जगहों का नाम बदला और मई 2025 में 27 जगहों का नाम बदला। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है।
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