दुष्कर्म मामले में सियासी तूफान, AIADMK-DMK भिड़े; विपक्ष ने पूछा- 'सर' पर चुप्पी क्यों?
अन्ना यूनिवर्सिटी यौन शोषण मामले में दोषी को 30 साल की सजा मिलने के बाद द्रमुक और अन्नाद्रमुक के जुबानी जंग तेज हो गई है। पलानीस्वामी ने पूछा कि एफआईआर में जिस 'सर' का जिक्र है, उसकी जांच क्यों नहीं हुई? स्टालिन ने जवाब दिया कि कोर्ट ने पुलिस की जांच की तारीफ की है, कुछ लोग इस दुखद घटना से भी राजनीतिक लाभ पाना चाहते हैं।

चेन्नई (आरएनआई) चेन्नई की एक कोर्ट ने अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में दोषी व्यक्ति को 30 साल की सजा सुनाई है। इस फैसले के बाद तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक और विपक्षी अन्नाद्रमुक के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता और अन्नाद्रमुक प्रमुख ई. पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि एम. के. स्टालिन की सरकार ने इस मामले की जांच जल्दी खत्म कर दी, ताकि आरोपी के उस कथित करीबी व्यक्ति को बचाया जा सके, जिसका जिक्र प्राथमिकी में 'सर' कहकर किया गया है।
इस पर मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'कोर्ट ने पुलिस की जांच की सराहना की है। इस सख्त सजा से साबित हो गया है कि कुछ लोग इस दुखद घटना से भी केवल राजनीतिक लाभ उठाना चाहते थे।' चेन्नई की महिला कोर्ट ने बिरयानी बेचने वाले और द्रमुक समर्थक ग्नासेकरण को अन्ना विश्वविद्यालय में 19 साल की छात्रा के यौन शोषण के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उसे दुष्कर्म, धमकी, अपहरण सहित कुल 11 आरोपों में दोषी पाया। आरोपी ने अपने बचाव में कहा था कि उसकी बूढ़ी मां और आठ साल की बेटी की देखभाल करने वाला कोई नहीं है, इसलिए उसे राहत दी जाए।
यह वारदात 23 दिसंबर को हुई थी। ग्नासेकरण विश्वविद्यालय परिसर में घुसा और पहले पीड़िता की दोस्त पर हमला किया, फिर छात्रा का यौन शोषण किया और उसका वीडियो बनाकर बाद में उसे ब्लैकमेल करने की कोशिश की। उसी दिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।
कोर्ट के फैसले के बाद पलानीस्वामी ने कहा कि 'जनता के दबाव' की वजह स सजा संभव हो पाई। उन्होंने पूछा, प्राथमिकी में जिस 'सर' का जिक्र है, उसकी भूमिका की जांच क्यों नहीं की गई? द्रमुक सरकार केवल ग्नासेकरण को दोषी बताकर इतनी जल्दी नतीजे तक क्यों पहुंच गई? 'सर' को किसने बचाया? उन्होंने कहा कि जब अन्नाद्रमुक की सरकार बनेगी तो सभी जवाब सामने आ जाएंगे।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि तमिलनाडु पुलिस ने तेजी और ईमानदारी से जांच की, जिससे पांच महीने में ही दोषी को सजा दिलाई गई। हाईकोर्ट और महिला कोर्ट दोनों ने पुलिस के काम की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कम समझदारी के साथ इस तरह की दुखद घटना का भी राजनीतिक इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें जनता जवाब देगी।
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