'अवैध घुसपैठिए संरक्षित इलाकों में कर रहे अतिक्रमण, नशे की खेती से फंडिंग', पूर्व सीएम का खुलासा
एन बीरेन सिंह ने चिट्ठी में दावा किया कि 2023 में तीन सदस्यों वाली समिति बनाकर 5,457 अवैध अप्रवासियों की पहचान की गई, जिनमें अधिकतर म्यांमार के निवासी थे।

इंफाल (आरएनआई) मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा है कि अवैध अप्रवासियों की बड़े पैमाने पर घुसपैठ स्थानीय लोगों की पहचान और अस्तित्व के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि अनिगमित अवैध घुसपैठ से राज्य में नए गांव और कालोनियों की संख्या में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। यह स्थानीय लोगों के अस्तित्व के लिए खतरा है। पूर्व सीएम ने इस पर चिंता जताते हुए राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को चिट्ठी लिखी है।
पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा नीत सरकार के दौरान साल 2017 से ही मणिपुर में सैंकड़ों अवैध अप्रवासियों की पहचान कर उन्हें निर्वासित किया गया। उन्होंने मांग की कि कैबिनेट उप-समिति का गठन किया जाए, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर, सैटेलाइट मैपिंग करके और जमीनी स्तर पर खुफिया तंत्र को मजबूत किया जाए ताकि अवैध घुसपैठ को रोका जा सके। एन बीरेन सिंह ने चिट्ठी में दावा किया कि 2023 में तीन सदस्यों वाली समिति बनाकर 5,457 अवैध अप्रवासियों की पहचान की गई, जिनमें अधिकतर म्यांमार के निवासी थे। पूर्व सीएम ने कहा कि ये घुसपैठिए संरक्षित वन क्षेत्र में अतिक्रमण कर रहे हैं और इससे पहचान संबंधी तनाव और अशांति भी बढ़ रही है।
बीरेन सिंह ने दावा किया कि इन अवैध घुसपैठियों को अवैध ड्रग कार्टेल से फंडिंग मिल रही है। जिससे ये हथियारबंद लोग खतरा बन रहे हैं। इससे शिक्षा, आवास और स्वास्थ्य जैसी जनसेवाओं पर भी दबाव बढ़ रहा है। अवैध अप्रवासियों के चलते म्यांमार और बांग्लादेश सीमा पर बड़े पैमाने पर नशे की खेती की जा रही है। उन्होंने कहा कि 2017 से 2023 के बीच 15,715 एकड़ इलाके में फैली अवैध नशे की खेती का नष्ट किया गया था।
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